Strawberry Moon: 21 जून को आने वाली पूर्णिमा इस बार आम पूर्णिमा से अलग होने वाली है, क्योंकि इस बार स्ट्रॉबेरी मून दिखने वाला है. 21 जून को होने वाली पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का रंग हल्का लाल और हल्का पीला दिखेगा जो लगभग स्ट्रॉबेरी की तरह दिखेगा. इस दिन चंद्रमा काफी चमकीला होगा और रात में रौशनी काफी तेज होगी. चंद्रमा को लेकर होने वाली इस खगोलीय घटना को स्ट्रॉबेरी मून कहा जाता है. चंद्रमा का यह नजारा 20 जून से लेकर 22 के बीच दिखने वाला है. यानी गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को तीनों दिन चंद्रमा पूरी तरह से गोल दिखेगा और काफी चमकीला होगा.
जून महीने में संक्राति की आने पर सूर्य उत्तरी गोलार्ध में साल के अपने उच्चतम बिंदु पर होता है. इस साल 20 जून को संक्रांति के दिन दोपहर के समय सूर्य की स्थिति सबसे तेज होगी. इसके बाद अगले दिन पूर्मिमा को साल का यह सबसे कम बिंदु बनाता है. Timeanddate.com के मुताबिक, अमेरिकी खगोलीय वैज्ञानिकों ने स्ट्रॉबेरी मून नाम दिया है, क्योंकि इसी महीने जंगली स्ट्रॉबेरी पकती है और वह चंद्रमा उसी के रंग का होता है. जून महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने और भी कई नाम दिए हैं. जून की पूर्णिमा को बेरीज रिपेन मून, ग्रीन कॉर्न मून और हॉट मून शामिल भी कहा जाता है, लेकिन इनमें से सबसे अधिक स्ट्रॉबेरी मून प्रचलित है.
शुक्रवार को दिखेगा स्ट्रॉबेरी मून
सेंटर फॉर नेटिव अमेरिकन स्टडीज के अनुसार, ग्रेट लेक्स क्षेत्र के स्वदेशी लोग अनिशिनाबेग या ओजिब्वे के नाम से जानते हैं. भारत समेत पूरे एशियाई क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी मून देखने के लिए सबसे अच्छा दिन शुक्रवार होगा. इस दिन सूर्यास्त के बाद चंद्रमा पूर्व दिशा से काफी तेज रौशनी के साथ निकलेगा. चंद्रमा के उगने का समय हर देश में अलग-अलग हो सकता है. इसके बाद अगली पूर्णिमा 21 जुलाई को होगी जो जून महीने की पूर्णिमा से कम चमकीली होगी.
क्या है 'हनी मून'
कुछ यूरोपीय देशों में स्ट्रॉबेरी मून को हनी मून के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि जब पृथ्वी का वार्षिक अपसौर होता है उसी वक्त शहद के छत्ते तैयार होते हैं. उस वक्त किसान मधु मक्खियों के छत्तों से शहद निकालते हैं. इस वजह से इसे हनी मून नाम दिया गया. फिलहाल, इस तरह के नामों की कोई वैज्ञानिक वजह नहीं है.
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