Ashwin Ramaswami: अश्विन रामास्वामी अमेरिका में राज्य या संघीय विधायिका के लिए चुनाव लड़ने वाले ‘जेनरेशन जेड’ से पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं. यह समुदाय से उभर रहे युवा राजनेताओं की एक नई पीढ़ी का संकेत है. रामास्वामी के माता-पिता 1990 में तमिलनाडु से अमेरिका आ गये थे.


जेनरेशन जेड (जिसे जूमर्स के नाम से भी जाना जाता है) में 1997 और 2012 के बीच पैदा हुए लोग शामिल हैं. रामास्वामी (24) ने एक हालिया साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मैं अपने समुदाय का आभार जताने और उसकी सेवा के लिए (जॉर्जिया) राज्य सीनेट के लिए चुनाव लड़ रहा हूं.


मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हर किसी को वही अवसर मिले जो मुझे बड़े होने पर मिले थे.” उन्होंने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हमारे पास एक नई आवाज हो, जो लोग युवा हैं, जो राजनीति में गैर पारंपरिक पृष्ठभूमि से आते हैं क्योंकि यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि हमारे पास ऐसे लोग हों जो हमारा प्रतिनिधित्व करें, न कि केवल ऐसे लोग जो इसे करने में सक्षम हों.


”रामास्वामी दूसरी पीढ़ी के भारतीय-अमेरिकी हैं और उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, चुनाव सुरक्षा और प्रौद्योगिकी कानून और नीति अनुसंधान में अपना करियर बनाया है. वह जॉर्जिया के जिला-48 में राज्य सीनेट के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं.


रामास्वामी एक डेमोक्रेट हैं और वह निवर्तमान रिपब्लिकन शॉन स्टिल की जगह लेने की उम्मीद कर रहे हैं, जिन पर छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद परिसर) में उपद्रव के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ आरोप लगाया गया था.


रामास्वामी चुनाव जीतते हैं तो वह जॉर्जिया में जेनरेशन जेड के पहले राज्य सीनेटर होंगे और यह उपलब्धि रखने वाले भी यहां के पहले सीनेटर होंगे जिसके पास कंप्यूटर विज्ञान और कानून दोनों की डिग्री हो.


एक सवाल के जवाब में रामास्वामी ने कहा, “प्रत्येक व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लोगों को नौकरियों और अर्थव्यवस्था, उद्यमिता के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा, प्रजनन अधिकार और हमारे लिए मायने रखने वाले सभी मुद्दों तक पहुंच मिले. इसीलिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं.”


उनके माता-पिता भी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र से जुड़े हैं. उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता दोनों 1990 के दशक में अमेरिका आये थे. वे दोनों तमिलनाडु से हैं. मेरी मां चेन्नई से हैं, मेरे पिता कोयंबटूर से हैं. मैं भारतीय और अमेरिकी संस्कृति के बीच पला-बढ़ा हुआ हूं. मैं एक हिंदू हूं. मुझे अपने पूरे जीवन में भारतीय संस्कृति, दर्शन में बहुत रुचि रही है.” उन्होंने बताया कि वह चिन्मय मिशन बालविहार गए जहां उन्होंने रामायण, महाभारत और भगवद गीता जैसे महाकाव्यों के बारे में पढ़ा. 


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