India-Banagladesh Relations: भारत के खिलाफ बांग्लादेश की नई सरकार लगातार जहरीले बयान दे रही है. मोहम्मद यूनुस का भारत विरोधी रवैया भारत के दुश्मन मुल्कों को काफी पंसद आ रहा है. इसी बीच एक खबर ने तहलका मचा दिया है. बांग्लादेश की बैंक में दिसंबर के पहले तीन सप्ताह के दौरान ही देश को 2 बिलियन डॉलर का विदेशी रिमिटेंस प्राप्त हुआ. बांग्लादेश की करेंसी में यह रकम करीब 24,000 करोड़ टका बैठती है. बांग्लादेश के अखबार डेली आब्जर्वर की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद भारत विरोधी गतिविधियों में तेजी आई है.अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं, पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं. अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा है. इस बीच पाकिस्तान आधारित आतंकी समूह बांग्लादेश के रास्ते भारत में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. रिपोर्टों के अनुसार, भारत विरोधी गतिविधियों को विदेशों में रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों से वित्तीय सहायता मिल रही है.
रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
बांग्लादेश के अखबार डेली आब्जर्वर की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश को अलग-अलग सोर्स से पैसे मिल रहे हैं. इसमें 613.1 मिलियन डॉलर सरकारी बैंकों, 77.3 मिलियन डॉलर विशेष बैंकों से और 516 मिलियन डॉलर विदेशी बैंकों के माध्यम से मिलने की खबर है. वहीं चालू वित्त वर्ष (2024-25) में जुलाई से नवंबर के बीच कुल 11.37 बिलियन डॉलर बांग्लादेश में आया. अधिकांश पैसा खाड़ी देशों में काम करने वाले मजदूरों से आता है, जो अपने परिवारों को नियमित रूप से पैसा भेजते हैं. इस वजह से भारत की सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि बढ़ता विदेशी धन भारत विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल हो सकता है.
बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें मजबूत
शेख हसीना सरकार के जाते ही कट्टरपंथी ताकतें मजबूत हो गई हैं. इसका असर ये हुआ कि मोहम्मद यूनुस सरकार के एक सलाहकार ने एक विवादित नक्शा जारी किया, जिसमें भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया. इस वजह से लगातार अत्याचार के कारण परेशान होकर हिंदू बांग्लादेश से पलायन कर भारत आने की कोशिश कर रहे हैं.
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