Burning of Quran: तुर्की और स्वीडन के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है. दरअसल, स्वीडन नेटो सैन्य गठबंधन में शामिल होना चाहता है और नेटो सदस्य तुर्की को यह मंजूर नहीं है. इसी बात को लेकर स्वीडन की राजधानी में तुर्की दूतावास के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला. प्रदर्शन के दौरान कुरान की प्रतियां जलाई गयीं, जिसके बाद से माहौल तानावपूर्ण है.
दरअसल, स्वीडन में तुर्की के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान कुरान की एक प्रति जलाई गई. जिसके बाद इस घटना की आलोचना अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर की गई है. तुर्की ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए स्वीडन के रक्षा मंत्री की प्रस्तावित अंकारा यात्रा को एकतरफा तरीके से रद्द कर दिया है. घटना के बाद स्वीडन के प्रधानमंत्री ने माफी मांगी है. वहीं तुर्की के राष्ट्रपति ने साफ़ शब्दों में कह दिया है कि नाटो देशों में शामिल होने के लिए स्वीडन तुर्की के समर्थन की उम्मीद ना करे.
गौरतलब है कि शनिवार को स्वीडन में दक्षिणपंथी विचारधारा वाली स्ट्राम कुर्स पार्टी के नेता रासमुस पैलुदान ने नाटो सदस्यता को लेकर तुर्की से चल रहे तनाव के बीच तुर्की दूतावास के बाहर कुरान में आग लगा दी थी. प्रदर्शन के दौरान कुरान की प्रति में आग लगाने के लिए उन्हें सरकार की ओर से अनुमति भी मिल गई. हालांकि बाद में खुद प्रधानमंत्री को घटना पर सफाई देनी पडी.
कौन है रासमस पलुदन
2 जनवरी 1982 को जन्मे रासमस पलुदन स्वीडन के धुर दक्षिणपंथी नेता और डेनिश-स्वीडिश राजनीतिज्ञ हैं. वह धुर दक्षिणपंथी पार्टी स्ट्रैम कुर्स (हार्ड लाइन) के नेता हैं. इससे पहले भी उन्होंने कई प्रदर्शनों का नेतृत्व किया है. पिछले सप्ताह स्टॉकहोम में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान के पुतले को आग के हवाले कर दिया था. जबरदस्त हिंसक प्रदर्शन हुआ था, गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. इन सब में पलुदन की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
पिछले साल भी वह तब सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने एलान किया था कि रमजान के मुस्लिम पवित्र महीने के दौरान वह "कुरान जलाने के दौरे" पर जाएंगे और मुस्लिम निवासियों की प्रबलता वाले स्थानों में पवित्र पुस्तक में आग लगाना शुरू कर देंगे.
पहले भी जा चुके हैं जेल
इससे पहले 2020 में, पलुदन को अपनी पार्टी के सोशल मीडिया चैनलों पर इस्लाम विरोधी वीडियो पोस्ट करने के लिए दोषी ठहराया गया था और एक महीने की जेल हुई थी. साथ ही पलुदन को 2019 में जेल जाना पड़ा था. उन पर नस्लवाद, मानहानि और लापरवाह ड्राइविंग सहित 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं.