Hindu American Summit 2023: ईसाइयों के सबसे बड़े देश अमेरिका (US) में भारतीयों का वर्चस्‍व बढ़ रहा है. वहां भारतीय मूल के 30 लाख से ज्‍यादा लोग रहते हैं, और ये वहां सबसे पढ़े-लिखे लोगों का तबका हैं. अब एक अमेरिकी सांसद ने एलान किया है कि वह अमेरिकी संसद (US Congress) में हिंदू कॉकस (Hindu Caucus) बनाएंगे, जिसमें एक जैसा सोचने वाले नेताओं को एक साथ लाया जाएगा.


हिंदू कॉकस बनाने का ऐलान करने वाले सांसद का नाम है- श्री थानेदार (Shri thanedar). उनका अमेरिकी राजनीति में खासा प्रभाव है, वह पहले ही अमेरिकी संसद में मौजूद समोसा कॉकस के सदस्य हैं. समोसा कॉकस भारतीय मूल के सांसदों का समूह है, जो भारत से जुड़े मुद्दे अमेरिकी संसद में उठाता है. अब वहां हिंदू कॉकस बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई, जिसका उद्देश्य होगा- अमेरिका में हिंदुओं के खिलाफ कोई नफरत और भेदभाव ना हो.


अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में पहला हिंदू-अमेरिकन सम्मेलन 
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से ठीक 7 दिन पहले अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में पहला हिंदू-अमेरिकन सम्मेलन आयोजित किया गया. जिसमें वहां के सांसदों ने दिल खोलकर हिंदुओं की तारीफ की. कैपिटल हिल में आयोजित हिंदू-अमेरिकन सम्मलेन में श्री थानेदार ने कहा कि हमारा मजहब शांति में जीना पसंद करता है. हम किसी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन मैं ये भी कहना चाहूंगा कि हर व्यक्ति को अपना धर्म चुनने का अधिकार होना चाहिए. 


मूलत: कर्नाटक के रहने वाले हैं श्री थानेदार
श्री थानेदार का जन्‍म 22 फ़रवरी 1955 को कर्नाटक के बेलगावी में हुआ था. वह अमेरिका में जाकर बस गए थे. वहां उन्‍होंने डेमोक्रैटिक पार्टी से चुनाव लड़ा. 2021 में वह मिशिगन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्य बन गए. 





  • हिंदू कॉकस का ऐलान करने के बाद श्री थानेदार ने कहा, 'अमेरिकंस का इस कॉकस में शामिल होने के लिए स्वागत है.


क्‍या होता है अमेरिकी संसद में कॉकस?
अमेरिकी संसद में कॉकस नेताओं के उन समूहों को कहा जाता है, जिनका एक समान विधायी उद्देश्य होता है. इन कॉकस का एडमिनिस्‍ट्रेशन चैंबर के नियमों के मुताबिक होता है. भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद चाहते हैं कि वहां संसद में हिंदू कॉकस बने. अमेरिकी सांसद श्री थानेदार, जो कि 13वें डिस्ट्रिक्ट ऑफ मिशिगन का प्रतिनिधत्व करते हैं. हिंदू अमेरिकन सम्मेलन में बोलते हुए थानेदार ने कहा कि यह अहम है कि हर इंसान को अपना धर्म चुनने का अधिकार होना चाहिए. लोग बिना किसी डर और भेदभाव के अपने भगवान की प्रार्थना कर सकें, यह किसी व्‍यक्ति का मौलिक अधिकार है.


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