Covid-19: कोरोना का जन्म कैसे हुए, यह आज भी रहस्य बना हुआ है. कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर फिलहाल अनुमान ही लगाया जाता रहा है. तीन साल बीत जाने के बाद भी विश्व स्वास्थ्य संगठन दावे के साथ नहीं कह पाया है कि कोविड-19 कहां से आया. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कोविड-19 की उत्पत्ति की खोज को लेकर बयान दिया है. 


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने अपने ताजा बयान में कहा है कि कोविड-19 की उत्पत्ति की खोज एक नैतिक अनिवार्यता है. इसके बारे में पता लगाना होगा. परिकल्पनाओं  के आधार पर हम इस रहस्य को नहीं छोड़ सकते. उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 की उत्पत्ति की खोज एक नैतिक जरूरत है. इसका पता लगाने के लिए संगठन प्रतिबद्ध है. 


गौरतलब है कि अभी अमेरिका एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि महामारी की उत्पत्ति एक अनजाने चीनी प्रयोगशाला रिसाव के कारण हुआ था. दरअसल, इशारा साफ़ तौर पर वुहान के लैब की तरफ था जिसपर चीन भड़क उठा था. चीन ने अमेरिकी एजेंसी के दावों को खारिज कर दिया.  इस घटना के बाद से डब्ल्यूएचओ पर कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर जवाब देने का दबाव बढ़ा हुआ है. 


डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने ट्वीट कर कहा 


डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कोविड-19 की उत्पत्ति को समझना और सभी परिकल्पनाओं की खोज करना, एक वैज्ञानिक अनिवार्यता है. साथ ही इससे हमें भविष्य में बेहद मदद मिलेगी. नैतिक अनिवार्यता की बात करते हुए उन्होंने कहा है कि कोविड-19 की उत्पत्ति की खोज उन लाखों लोगों की खातिर भी जरूरी है जो मारे गए और जो संक्रमित होने के बाद भी जूझ रहे हैं. 






गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति की जांच करने का आदेश जारी किया है. एक बयान में उन्होंने कहा कि अमेरिका के ख़ुफ़िया समुदाय से जुड़े अधिकतर लोग ये मानते हैं कि ये वायरस प्रयोगशाला में किसी हादसे की वजह से बाहर आया. लेकिन इस बात के पुख्ता सबूत नहीं हैं. बता दें कि बाइडेन के निर्देश के बाद अमेरिका की खुफ़िया एजेंसियों और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में रिपोर्ट देने को कहा गया है. 


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