नई दिल्ली: स्वीडन के प्रधानमंत्री ओल्फ पाल्मे की हत्या की पहेली 34 साल बाद हल हो गई है. अभियोजन पक्ष ने हत्यारे के नाम का खुलासा करते हुए ग्राफिक डिजायनर स्टिग एंग्सट्रोम को मुख्य संदिग्ध बताया. मुख्य अभियोजक ने कहा कि स्टिग मर चुका है. उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं किया जा रहा है. इसलिए पाल्मे के केस को बंद किया जा रहा है. हालांकि संदिग्ध ने साल 20 साल पहले सन् 2000 में ही खुदकुशी कर ली थी.


स्टिग प्रधानमंत्री पाल्मे की वामपंथी नीतियों का कट्टर विरोधी था. शुरू में स्टिग जांच का केंद्र बिंदु नहीं था मगर जब उसके अतीत को देखा गया तो कई सनसनीखेज बातों का पता चला. अभियोजन पक्ष उसके रवैये को देखकर नतीजे पर पहुंचा. उसने बताया कि संदिग्ध हत्यारा हथियारों के इस्तेमाल में दक्ष होने के साथ शूटिंग क्लब का सदस्य भी था.


ओल्फ पाल्मे की हत्या 28 फरवरी 1986 की रात उस वक्त कर दी गई थी जब प्रधानमंत्री अपनी पत्नी के साथ फिल्म देखकर लौट रहे थे. स्टॉकहोम की सड़क पर उनको किसी अज्ञात शख्स ने पीछे से गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया. बीच सड़क हुई सनसनीखेज वारदात के आरोपी को कोई नहीं पहचान सका. लोगों ने एक लंबे कद के शख्स को गोली चलाते हुए घटनास्थल से फरार होते हुए जरूर देखा. पुलिस को घटनास्थल से सिर्फ गोलियों के खोखे मिले थे लेकिन जिस बंदूक से गोली चलाई गई उसका कुछ पता नहीं चला.


पुलिस की कार्यशैली पर उस वक्त सवाल उठे कि उसने घटनास्थल से सबूत क्यों इकट्ठा नहीं किए. स्टिग स्थानीय स्तर पर उस ग्रुप का हिस्सा था जो पाल्मे की नीतियों को निशाना बनाता था. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री के बारे में उसके नकारात्मक विचार थे. ये भी माना जा रहा है कि जब घटना को अंजाम दिया गया तब स्टिग घटनास्थल के इर्दगिर्द ही था. उससे इस बाबत पूछताछ के बाद जल्द ही संदिग्ध श्रेणी से उसका नाम हटा दिया गया.


बताते चलें कि जिस दिन पाल्मे की हत्या हई उस दिन उनके साथ सुरक्षाकर्मी नहीं थे. उन्होंने अपने साथ उन्हें ले जाने से इनकार कर दिया था. पाल्मे के बेटे मार्टिन ने कहा, “मेरा मानना है कि अभियोजन पक्ष ने सही नतीजा निकाला है. केस बंद करने के सिलसिले में उसका फैसला ठीक है.” उन्होंने कहा कि ये बात बहुत मायूस करने वाली है कि उनके पास डीएनए या हथियार जैसे ज्यादा बेहतर सबूत नहीं हैं.


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