Monkeypox महामारी से निपटने के लिए WHO बुलाएगा इमरजेंसी मीटिंग, यूरोप में बढ़ा खतरा
मंकीपॉक्स के मामले की शुरुआत मई के महीने से हुई. अब तक ये बीमारी इंग्लैंड, स्पेन, बेल्जियम, इटली, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा समेत दुनिया भर के कई देशों में दस्तक दे चुकी है.
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WHO On Monkeypox: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनियाभर के देशों में तेजी से बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मामलों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों की एक आपातकालीन बैठक बुलाने का फैसला किया है. स्पुतनिक न्यूज एजेंसी ने द टेलीग्राफ का हवाला देते हुए शुक्रवार को बताया कि, माना जा रहा है कि बैठक का एजेंडा वायरस के संचरण के तरीके, समलैंगिकों और उभयलिंगी पुरुषों में इसका उच्च प्रसार, साथ ही टीकों की स्थिति है.
मंकीपॉक्स के मामले की शुरुआत मई के महीने से हुई. अब तक ये बीमारी इंग्लैंड, स्पेन, बेल्जियम, इटली, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा समेत दुनिया भर के कई देशों में दस्तक दे चुकी है. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने भी इंग्लैंड में इस बीमारी के आने की पुष्टि की है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, हाल ही में एक मरीज ने नाइजीरिया की यात्रा कर 7 मई को लौटा. जिसमें इस बीमारी के लक्षण पाए गए. जांच में उस व्यक्ति के मंकीपॉक्स की चपेट में आने की पुष्टि हुई. बता दें कि इंग्लैंड में मंकीपॉक्स का ये पहला मामला था. इंग्लैंड के बाद इस बीमारी ने अमेरिका में भी दस्तक दे दी है. हाल ही में 18 मई को यूएस 'मैसाचुसेट्स डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने कनाडा की यात्रा कर लौटे एक वयस्क पुरुष में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के मामले की पुष्टि की है.
मंकीपॉक्स के लक्षण
अस्पताल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मामले से लोगों को कोई खतरा नहीं है, और व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है और अच्छी स्थिति में है. विशेषज्ञों की माने तो मंकीपॉक्स एक दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से गंभीर वायरल बीमारी है. ये आमतौर पर फ्लू जैसी होती है. मंकीपॉक्स की चपेट में आने के बाद मरीज के लिम्फ नोड्स की सूजन से आनी शुरू हो जाती है. जो चेहरे और शरीर पर एक दाने के रूप में विकसित होती है. जानकारों के मुताबिक अधिकांश ये संक्रमण 2 से 4 सप्ताह तक चलता है.
राहत वाली बात यह है कि ये वायरस लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता. लेकिन इससे संक्रमित मरीज के शरीर के तरल पदार्थ, मंकीपॉक्स के घावों, तरल पदार्थ या घावों (कपड़े, बिस्तर, आदि) से दूषित वस्तुओं के संपर्क में आने से या लंबे समय तक आमने-सामने रहने के बाद इसके फैलने का खतरा पैदा हो जाता है. इससे पहले, अमेरिका में 2022 में एक भी मंकीपॉक्स के मामलों की पहचान नहीं की गई है, जबकि टेक्सास और मैरीलैंड में, 2021 में नाइजीरिया की हाल की यात्रा करने वाले लोगों में एक मामला सामने आया था.
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