COVID 19 new Variants: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक बड़े अधिकारी ने कोरोना को लेकर एक चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वेरिएंट इसका अंतिम वेरिएंट नहीं होगा और अन्य नये वेरिएंट्स के सामने आने की काफी ज्यादा संभावना है.
वायरस पर बनाए हुए हैं बारीकी से नजर - WHO अधिकारी
डब्ल्यूएचओ के आधिकारिक सोशल मीडिया मंच पर आयोजित सवाल-जवाब के एक सत्र के दौरान संगठन के कोविड-19 तकनीकी दल की मारिया वान केरखोव ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ओमीक्रोन के चार अलग-अलग रूपों पर नजर बनाये हुए है. मारिया ने कहा, 'हम इस वायरस के बारे में अब काफी कुछ जानते हैं, हालांकि, हम सब कुछ नहीं जानते. मैं बिल्कुल साफ तौर पर कहूं तो वायरस के ये स्वरूप 'वाइल्ड कार्ड' हैं. ऐसे में हम इस वायरस पर लगातार बारीकी से नजर बनाए हुए हैं, जिस तरह इसमें बदलाव होते हैं और जिस तरह ये रूप बदलता है. हालांकि, इस वायरस में बदलाव की अत्याधिक संभावनाएं हैं.'
उन्होंने कहा, 'ओमिक्रोन, सबसे ताजा चिंताजनक स्वरूप है और ये अंतिम चिंताजनक स्वरूप भी नहीं होगा. ऐसे में हमें एक बार फिर से ना केवल टीकाकरण का दायरा बढ़ाना होगा बल्कि प्रसार की रोकथाम के उपायों का पालन सुनिश्चित करना होगा.'
कोरोना मामलों में आ रही है कमी
साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से बताया गया है कि, पिछले हफ्ते दुनियाभर में कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों में एक सप्ताह पहले के मुकाबले 17 फीसदी की कमी आई, जिसमें अमेरिका में 50 प्रतिशत की गिरावट शामिल है, जबकि वैश्विक स्तर पर मौतें सात फीसदी घट गईं.
दुनियाभर में ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा केस
डब्ल्यूएचओ की साप्ताहिक रिपोर्ट से पता चलता है कि सार्स-कोव-2 वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े आंकड़ों पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म जीआईएसएआईडी के मुताबिक, लगभग 97 फीसदी नए मामले ओमिक्रोन, जबकि तीन प्रतिशत से थोड़े अधिक केस डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण के हैं.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, ‘वैश्विक स्तर पर ओमीक्रोन वेरिएंट का प्रसार बढ़ा है और अब लगभग सभी देशों में इससे जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, जिन देशों ने शुरुआत में ओमिक्रोन वेरिएंट के कारण संक्रमण के मामलों में वृद्धि की जानकारी दी थी, उनमें से अधिकतर में जनवरी 2022 से नए मरीजों की संख्या में कमी आई है.’