Coronavirus: टीकाकरण में तेजी नहीं आई तो और जानलेवा हो सकता है डेल्टा वेरिएंट, WHO ने चेताया
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इससे पहले की स्थिति और बदतर हो जाए देशों को डेल्टा वेरिएंट पर काबू पाने के लिए तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है. इसके लिए वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लानी होगी.
WHO ने दुनिया के देशों को आगाह किया है कि अगर टीकाकरण अभियान में तेजी नहीं आई तो कोरोना के नए-नए वेरिएंट वर्तमान से ज्यादा जानलेवा हो सकते हैं. WHO ने कहा है कि डेल्टा वेरिएंट हमारे लिए चेतावनी है कि हम जल्द इसे दबाने के लिए आवश्यक कदम उठाए, वरना स्थिति और ज्यादा बुरी हो सकती है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि स्थिति और ज्यादा बुरी होने से पहले टीकाकरण अभियान पर जोर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट के खतरनाक परिणामों को देखते हुए इस पर काबू पाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ ने अपील की है कि सितंबर के आखिरी तक सभी देश कम से कम अपनी 10 प्रतिशत आबादी को टीकाकरण जरूर कर दें.
132 देशों में डेल्टा वेरिएंट
तेजी से फैलने वाला डेल्टा वेरिएंट अब तक 132 देशों में दस्तक दे चुका है. WHO के इमरजेंसी डाइरेक्टर माइकल रेयान ( Michael Ryan) ने कहा, डेल्टा हमारे लिए चेतावनी है. यह चेतावनी है कि हम सचेत हो जाए. इससे पहले कि और खतरनाक वेरिएंट सामने आए, हमें इसे दबाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है. WHO के प्रमुख Tedros Adhanom Ghebreyesus ने कहा, अब तक चार वेरिएंट को लेकर चिंता है और जब तक कोरोना वायरस फैलता रहेगा, तब तक और वेरिएंट सामने आ जाएंगे. टेडरोस ने बताया कि पिछले चार सप्ताह में डब्ल्यूएचओ के 6 क्षेत्रों में पांच में औसतन 80 प्रतिशत की दर से संक्रमण बढ़ रहा है.
सुरक्षात्मक उपाय अब भी जरूरी
डेल्टा वेरिएंट पर चिंता जाहिर करते हुए टेडरोस ने कहा, संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए अब भी सुरक्षात्मक उपाय की जरूरत है. इसके तहत भौतिक दूरी का पालन, फेस मास्क, हाईजीन का ख्याल, अनावश्यक बाहर जाने से बचना जैसे उपाय कारगर हैं. उन्होंने कहा कि इससे डेल्टा स्ट्रेन भी रुकेगा. खासकर अगर वैक्सीन ले ली जाती है तो इस वेरिएंट को नियंत्रण में लाया जा सकता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वायरस अब भी तेजी से फैल रहा है. इसलिए हमें अपने गेम प्लान पर तेजी से काम करना होगा. इसके लिए वैक्सीनेशन सबसे जरूरी चीज है.
साल के अंत तक 40 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन देनी जरूरी
डब्ल्यूएचओ चाहती है कि सभी देशों में सितंबर तक कम से कम 10 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन लग जानी चाहिए. इसके अलावा इस साल के अंत तक 40 प्रतिशत आबादी को वैक्सीनेशन के दायरे में लाना होगा. डब्ल्यूएचओ चाहता है कि 2022 के मध्य तक विश्व की 70 प्रतिशत आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो जाए. वैक्सीनेशन के असमान वितरण पर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अब तक वैक्सीन की चार अरब खुराक लोगों को दी चुकी है. इनमें से अत्यधिक अमीर देशों में प्रति सौ लोगों में से 98 लोगों का टीकाकरण कर लिया गया है जबकि 29 सबसे गरीब देशों में प्रति सौ में से 1.6 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन मिली है.
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