Mohammed Deif Killed: इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने हमास की मिलिट्री विंग कमांडर मोहम्मद दीफ की मौत की पुष्टि कर दी है. आईडीएफ ने बताया है कि पिछले महीने दक्षिणी गाजा पट्टी में एक इजरायली हवाई हमले में मोहम्मद दीफ मारा गया था. इजरायल का आरोप है कि मोहम्मद दीफ ही 7 अक्टूबर के हमास के हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 1,195 लोग मारे गए थे.
इजरायली डिफेंस फोर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी. इजरायली सेना ने दावा किया है कि बीती (13 जुलाई) को ग़ज़ा के ख़ान यूनिस इलाक़े में हुए इजरायली हमले के निशाने पर हमास के मिलिट्री कमांडर मोहम्मद दीफ थे. वहीं, गुरुवार (1 अगस्त) को इजरायली सेना ने इस हमले में उनकी मौत की पुष्टि कर दी है.
13 जुलाई के एक ऑपरेशन में हुई थी दीफ की मौत
इस दौरान इजरायली सेना के हमले का निशाना ग़ज़ा के शहर ख़ान यूनिस का एक कंपाउंड था. माना जा रहा है कि (13 जुलाई) को मोहम्मद दीफ भी वहीं मौजूद था. इजरायली सेना ने उस समय बताया था कि हवाई हमले में एक और हमास कमांडर राफ़ा सलामाह भी मारा गया था. हालांकि, उस वक्त इजरायली सेना ने मोहम्मद दीफ के मौत की पुष्टि नहीं की थी.
जानें कौन हैं हमास की मिलेट्री विंग के चीफ मोहम्मद दीफ?
हमास के मिलिट्री लीडर मोहम्मद दीफ का जन्म 1965 में गाजा पट्टी के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था. उनका परिवार अनिवार्य फिलिस्तीन में रामलेह के पास अल-क्यूबेबा से आया था, और 1948 के फिलिस्तीन युद्ध के दौरान विस्थापित हो गया था. उन्होंने 1988 में इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ ग़ज़ा से विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. वह यूनिवर्सिटी के मनोरंजन समिति के प्रमुख थे और उन्होंने स्टेज पर कई कॉमेडी नाटकों में हिस्सा भी लिया था.
मोहम्मद दीफ अल-क़ासिम ब्रिगेड के चीफ थे. साल 2002 में हमास के संस्थापकों में से एक और उसकी मिलिट्री विंग के प्रमुख सलाह शेहदेह की एक इजरायली हवाई हमले में मौत के बाद दीफ अल-क़ासिम ब्रिगेड के प्रमुख बन गए. वो काफी लंबे अरसे से इजरायल की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल थे.
1987 में इजरायल से लड़ने के लिए मोहम्मद दीफ हमास में हुए शामिल
जब 1987 में इजरायल के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए हमास की स्थापना की गई, दीफ उनके साथ जुड़ गए. इजरायली अधिकारियों ने उन्हें 1989 में गिरफ्तार किया, लेकिन 16 महीने की सजा काटने के बाद उन्हें 1991 में कैदी एक्सचेंज के तहत रिहा कर दिया गया.मोहम्मद दीफ ने 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में कई विनाशकारी आत्मघाती बम विस्फोटों की साजिश रची, जिसमें 1996 में जाफ़ा रोड बस बम विस्फोट भी शामिल है. उसने कई इज़रायली सैनिकों के अपहरण और हत्याओं का भी मास्टरमाइंड किया.
सात बार बची जान
ऐसा माना जाता है कि साल 2001 से लेकर अब तक मोहम्मद दीफ को मारने की 7 बार कोशिश हुई. लेकिन वह हर बार मौत को चकमा देकर फरार हो गए. इनमें से 2002 में हुए हमला उनकी ज़िंदगी के लिए सबसे घातक था. उस दिन दीफ की जान तो बच गई लेकिन उनकी एक आंख चली गई. जबकि, इजरायल का कहना है कि दिएफ़ का एक पैर और एक हाथ भी नहीं था और उसे बोलने में भी दिक़्क़त आती थी. साल 2014 में भी इजरायली सुरक्षाबलों ने दीफ को मारने की कोशिश की थी. ग़ज़ा पट्टी में हुए इस हमले में दीफ बच गए लेकिन, उनकी पत्नी और दो बच्चों की जान इसमें चली गई.
2015 में US ने मोहम्मद दीफ को 'मोस्ट वांटेड' लिस्ट में किया था शामिल
इजराइल ने 1995 से ही मोहम्मद दीफ को सैनिकों और नागरिकों की हत्या में उसकी भूमिका के लिए उसे अपनी 'मोस्ट वांटेड' सूची में डाल दिया था. जबकि, साल 2015 में मोहम्मद दीफ को अमेरिका ने अपनी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था. यूरोपीय संघ ने भी दिसंबर 2023 में उन्हें आतंकवादियों की ब्लैकलिस्ट में शामिल कर लिया था.
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