Iran Qasem Soleimani: ईरान के पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र के पास हुए दो जोरदार धमाके में 103 लोगों की मौत हो गई. यह ब्लास्ट तब हुआ, जब सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर एक कार्यक्रम हो रहा था. ईरान के उप गवर्नर के अनुसार यह एक आतंकी हमला है. 


कौन थे कासिम सुलेमानी?


अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक कासिम सुलेमानी ने साल 1998 से 2020 तक ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स का नेतृत्व किया. उन्होंने मध्य पूर्व में ईरानी प्रभाव फैलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए देश और विदेश में सेलिब्रिटी का दर्जा हासिल किया. सुलेमानी को ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई का दाहिना हाथ माना जाता था. उन्हें खामेनेई के बाद ईरान में दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति कहा जाता था.


इस इलाके पर अपना नियंत्रण रखने के लिए अमेरिकी और तेहरान के क्षेत्रीय दुश्मनों ने सऊदी अरब और इजरायल से जंग की. सुलेमानी ने लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ-साथ इराक में सीरिया के अल-असद और शिया मिलिशिया समूहों के साथ ईरान के संबंधों को मजबूत किया.


ईरानी क्रांति के दौरान सेना में हुए शामिल


सुलेमानी के नेतृत्व में कुद्स फोर्स में बहुत विस्तार हुआ, जिसने ईरान की सीमाओं के पास खुफिया, वित्तीय और राजनीतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला. रिपोर्ट के अनुसार साल 1979 में ईरानी क्रांति के दौरान सुलेमानी ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स में शामिल हुआ. इससे पहले वह एक कंस्ट्रक्शन वर्कर था.


 साल 2005 में इराक में फिर से सरकार की स्थापना होने के बाद वहां की राजनीति में सुलेमानी का प्रभाव बढ़ गया. 2011 में सीरिया में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद सुलेमानी ने असद सरकार की रक्षा के लिए अपने कुछ इराकी मिलिशिया को सीरिया जाने का आदेश दिया था. ईरान समर्थित शिया अर्धसैनिक की कुछ इकाइयां (हशद अल-शाबी) सुलेमानी के नियंत्रण में था.


इस समूह ने आईएसआईएल के खिलाफ लड़ाई के दौरान इराकी सेना के साथ लड़ाई लड़ी. रिपोर्ट के अनुसार आईएसआईएल को हराने में सुलेमानी की भूमिका ने उन्हें ईरानी लोगों और अन्य मध्य पूर्वी देशों के बीच हीरो बना दिया.


गाजा पट्टी में की हमास की मदद


एपी की रिपोर्ट के मुताबिक सुलेमानी और कुद्स फोर्स ने इराक की सरकार को इस्लामिक स्टेट (2014-2017) को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. साल 2015 में सुलेमानी ने सीरिया में रूसी पायलट को बचाने वाले कमांडो ऑपरेशन का नेतृत्व किया था. गाजा पट्टी में हमास के सुरंग नेटवर्क के निर्माण और उसके रखरखाव के लिए हमास के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुलेमानी को श्रेय दिया था.


कासिम सुलेमानी की मौत को लेकर कई बार अफवाहें भी उड़ी. साल 2006 में अफवाह उड़ी थी कि उत्तर-पश्चिमी ईरान में विमान दुर्घटना में सुलेमानी सहित अन्य सैन्य अधिकारी मारे गए. 


सुलेमानी को लेकर कब-कब उड़ी अफवाह


कासिम सुलेमानी की मौत को लेकर कई बार अफवाहें भी उड़ी. साल 2006 में अफवाह उड़ी थी कि उत्तर-पश्चिमी ईरान में विमान दुर्घटना में सुलेमानी सहित अन्य सैन्य अधिकारी मारे गए. साल 2015 के नवंबर महीने में अफवाह फैली कि सीरिया के अलेप्पो के आसपास लड़ाई के दौरान अल-असद के वफादार प्रमुख बलों में से सुलेमानी की मौत हो गई.


इसके बाद अफवाह उड़ी कि तेहरान ने सुलेमानी को मारने की साजिश करने वाले इजरायली और अरब एजेंसियों की साजिश को नाकाम कर दिया. पूर्व जनरल सुलेमानी की 3 जनवरी 2020 बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी हवाई हमले में मौत हो गई.


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