Sunil Yadav Murder: ड्रग स्मगलर सुनील यादव की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग एक बार फिर चर्चा में है. लॉरेंस के सहयोगी गोल्डी बरार और रोहित गोदारा ने सुनील यादव की हत्या की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने बताया कि 22 दिसंबर को कैलिफॉर्निया के स्टॉकटन में सुनील यादव अपने घर में मृत पाया गया था. लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर्स ने इस वारदात को अंजाम दिया है. गैंग का कहना है कि उन्होंने अपने एक साथी अंकित भादू का बदला लिया है. गैंग का ये भी कहना है कि सुनील यादव पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में युवाओं को ड्रग सप्लाई करता था.
साल 2019 में अंकित भादू का जीकरपुर में पंजाब पुलिस की ऑर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट (OCCU) ने एनकाउंटर किया था. अंकित एक शूटर था और उस पर हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी समेत कई मामले चल रहे थे. बिश्नोई गैंग का कहना है कि उसके एनकाउंटर में सुनील यादव भी शामिल था, जिसका उन्होंने बदला लिया है. आइए जानते हैं कि सुनील यादव कौन था, अंकित भादू कौन था और बिश्नोई गैंग की सुनील से क्या दुश्मनी थी-
- रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट करके सुनील यादव के मर्डर की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि स्टॉकटन में मकान नंबर 6706 में सुनील यादव उर्फ गोलिया विराम खेड़ा अबोहर की हत्या की जिम्मेदार हम लेते हैं क्योंकि उसने हमारे प्यार भाई अंकित भादू का एनकाउंटर करवाया था. रोहित गोदारा ने ये भी धमकी दी है कि जो भी इसमें शामिल था सबसे बदला लिया जाएगा.
- उन्होंने आरोप लगाया कि सुनील यादव की वजह से हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में युवाओं को नशे की लत लग गई थी. पुलिस से मिलकर वह ड्रग बेचता था और गुजरात में उसके नाम पर 300 किलोग्राम ड्रग का पर्चा भी है. रोहित गोदारा का कहना है कि अंकित के एनकाउंटर में सुनील के शामिल होने की बात खुल गई तो वो पुलिस की मदद से अमेरिका भाग गया और वहां जाकर गैंग के सदस्यों की मुखबरी करने लगा.
- रोहित ने कहा कि सुनील यादव पंजाब पुलिस की रौब में रहता था और कहता था कि कोई हमारा क्या बिगाड़ेगा हम तो इंटेलीजेंस पुलिस में भर्ती हैं. ये हमारे ग्रुप का हिस्सा बताकर हमारे भाइयों की पुलिस को मुखबरी करता था. रोहित गोदारा ने पोस्ट के आखिर में अपने दुश्मनों को धमकी दी है कि तैयार रहना दुनिया के किसी भी कोने में चले जाओ सब के पास पहुंच जाएंगे.
कौन था सुनील यादव?
सुनील यादव एक ड्रग स्मगलर था और राजस्थान में कई मामलों में वांटेड था. उस पर पाकिस्तान के जरिए भारत में ड्रग स्मगल करने का आरोप था. कुछ समय पहले ही राजस्थान पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था. वह पंजाब के फज्लिका जिले से था. अमेरिका जाने से पहले वह दुबई से ड्रग तस्करी का काम कर रहा था और दो साल पहले राहुल नाम पर बने फेक पासपोर्ट के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गया था. वह दुबई के रास्ते गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में घुसा था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग की स्मगलिंग करता था. दुबई की एजेंसियों की मदद से राजस्थान पुलिस ने सुनील के एक साथी को भी गिरफ्तार किया था. कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि सुनील यादव पहले लॉरेंस बिश्नोई से ही जुड़ा था, लेकिन अंकित के एनकाउंटर के बाद वह गैंग से अलग हो गया. इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग से उसकी दुश्मनी हो गई.
कौन था अंकित भादू?
अंकित भादू एक शूटर था, जिस पर मर्डर, अटेंप्ट टू मर्डर और जबरन वसूली के कई मामले दर्ज थे. पुलिस के अनुसार साल 2019 में जीरकपुर में उसका एनकाउंटर हुआ था. जब पुलिस उसको ढूंढ रही थी तो वह अपने एक दोस्त के घर में जाकर छिप गया. उसने सेंकेंड फ्लोर से कूदकर एक लड़की को बंधक बनाने की कोशिश की लेकिन गोलीबारी में मारा गया. रोहित गोदारा का कहना है कि सुनील यादव ने ही अंकित के बारे में पुलिस को टिप दी थी.
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