Kim Jong Un Russia Visit: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन रूस के दौरे पर हैं. यहां वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर के साथ मुलाकात करने गए हैं. दोनों देशों के नेता लंबे से समय से अपने देश से बाहर नहीं निकले हैं. एक तरफ रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन युद्ध की वजह से देश से बाहर जाने से बचते रहे हैं. दूसरी तरफ किम जोंग उन भी कोरोना महामारी के बाद पहली बार दूसरे देश की यात्रा पर निकले हैं.


उत्तर कोरिया न्यूज़ एजेंसी ने जानकारी दी है कि पुतिन और किम जोंग उन ने मुलाकात कर ली है. दोनों नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब उत्तर कोरिया ने बुधवार(13 सितंबर) की सुबह पूर्वी सागर (जापान सागर) में दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, यह पहली बार है जब देश ने किम के देश से बाहर रहने के दौरान मिसाइलें दागी हैं.


किम जोंग उन के रूस दौरे के पीछे की वजह क्या है?


दरअसल किम जोंग उन के रूस दौरे से दोनों देशों के हित साधते दिख रहे हैं. बीबीसी ने बताया है कि अमेरिका को संदेह है जिस तरह यूक्रेन युद्ध लंबा खींच रहा है, रूस ने नए विकल्प तलाशने शुरू कर दिए है. इसी क्रम में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन रूस के दौरे पर हैं, क्योंकि उत्तर कोरिया रक्षा हथियार का व्यापक तौर से उत्पादन करता है. हालांकि उत्तर कोरिया में हथियारों के उत्पादन की सटीक जानकारी का पता लगा पाना मुश्किल है. 


वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया खाद्यान की कमी से जूझ रहा है. बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस उत्तर कोरिया की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के बदले न्यूक्लीयर पनडुब्बियां मांग सकता है. दोनों देशों के मौजूदा संबंध अन्योन्याश्रय(आपसी निर्भरता वाले संबंध) हैं.


दोनों देशों के नेताओं के 'दोस्ती' की वजह?


उत्तर कोरिया और रूस के नेता के बीच कुछ समानताएं हैं और जाहिर है समानताएं एक दूसरे को करीब लाती हैं. एक वजह तो ये है कि दोनों देशों के पास वो चीजें हैं जो एक-दूसरे को चाहिए. दूसरा ये कि दोनों के दुश्मन लगभग एक ही हैं. जैसे पश्चिम के देशों ने रूस और उत्तर कोरिया दोनों ही देशों पर कई पाबंदियां लगा रखी है. दोनों ही देशों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दरकिनार किया गया है. इसके अलावा दोनों देश चीन के करीबी देशों में से एक है. उत्तर कोरिया भी अपनी निर्भरताओं के लिए चीन पर काफी हद तक आश्रित है, दूसरी तरफ रूस और चीन के संबंध जगजाहिर हैं. 


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