आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा शुल्क दे पाने में असमर्थ छात्रों को इंडोनेशिया में बाली के एक कॉलेज ने अनोखा विकल्प दिया है. होटल उद्योग से जुड़े एक कॉलेज ने छात्रों को अपना शुल्क नारियल और दूसरे अन्य प्राकृतिक प्रोडक्ट्स की शक्ल में देने की इजाजत दी है.
शिक्षा शुल्क के लिए नारियल देने का मिला विकल्प
वीनस वन एकेडमी की शुल्क अदा करने में अक्षम छात्रों के लिए मदद करने की पहल अनोखी है. संस्थान के एक कर्मचारी वयन पसेक ने स्थानीय मीडिया बाली पुष्पा न्यूज को बताया कि प्राकृतिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल शुद्ध नारियल तेल की फसल उपजाने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा, "पहले हमने शिक्षा शुल्क को किश्तों में देने का कार्यक्रम शुरू किया, लेकिन अब हम पहले की तुलना में ज्यादा लचीले हो गए हैं. कोरोना वायरस महामारी के कारण हमने नरम नीति अपनाई है. हम शुद्ध नारियल तेल का उत्पादन करते हैं, इसलिए छात्र अपना परीक्षा शुल्क नारियल लाकर दे सकते हैं."
आर्थिक तंगी के कारण असमर्थ छात्रों की अनूठी मदद
दि बाली सन के मुताबिक, कॉलेज शुल्क की अदायगी के लिए अन्य प्राकृतिक उत्पाद जैसे मोरिंगा के पत्ते और गोटू कोला के पत्तों को स्वीकार कर रहा है. इसका इस्तेमाल साबुन जैसे उत्पादों को बनाने में किया जाता है. छात्र अपने प्राकृतिक उत्पाद को उद्यमिता कौशल बढ़ाने के लिए दोबारा बेच भी सकते हैं. वयन पसेक ने कहा, "हमें छात्रों को अपने आसपास के प्राकृतिक संसाधनों को अनुकूल बनाने के लिए शिक्षित करना है. जब महामारी खत्म हो जाएगी, तो छात्र किसी आम कामगार से ज्यादा दक्ष होंगे." कॉलेज चालू रहने के लिए अधिकारियों ने कई तरह के स्वास्थ्य और सुरक्षात्मक प्रोटोकॉल को महामारी के दौरान लागू किया था. प्रोटोकॉल के तहत छात्रों को हर शिफ्ट के वक्त सीमित संख्या में आने और रोजाना तापमान चेक करने को कहा गया था.
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