Donald Trump Tariff: भारत पर एक दिन बाद ही ट्रंप ने क्यों कम कर दिया टैरिफ, जानिए फैसले के पीछे की वजह
भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73 प्रतिशत रही है.

Donald Trump Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के दस्तावेज में भारत पर लगाए जाने वाले आयात शुल्क को 27 प्रतिशत से घटाकर 26 प्रतिशत कर दिया है. शुल्क नौ अप्रैल से लागू होंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (2 अप्रैल) को अलग-अलग देशों के खिलाफ टैरिफ की घोषणा करते हुए एक चार्ट दिखाया था जिसमें भारत, चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों पर लगाई जाने वालीं नई टैरिफ रेट का जिक्र था.
चार्ट के अनुसार, भारत ‘‘मुद्रा हेरफेर और व्यापार बाधाओं’’ सहित 52 प्रतिशत शुल्क लेता है और अमेरिका अब भारत से 26 प्रतिशत का रियायती जवाबी शुल्क वसूलेगा. हालांकि, व्हाइट हाउस के दस्तावेजों में भारत पर 27 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने का जिक्र था लेकिन नवीनतम दस्तावेज में इसे घटाकर 26 प्रतिशत कर दिया गया है.
कम होने का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा
इस संबंध में पूछे जाने पर उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि शुल्क के एक प्रतिशत कम होने का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा.अमेरिका वित्त वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा. भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73 प्रतिशत रही. अमेरिका के साथ भारत का 2023-24 में वस्तुओं पर व्यापार अधिशेष (आयात व निर्यात के बीच का अंतर) 35.32 अरब अमेरिकी डॉलर था. यह 2022-23 में 27.7 अरब अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 32.85 अरब अमेरिकी डॉलर, 2020-21 में 22.73 अरब अमेरिकी डॉलर और 2019-20 में 17.26 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था.
अमेरिका का भारत से निर्यात
अमेरिका को 2024 में भारत के मुख्य निर्यात में औषधि निर्माण व जैविक (8.1 अरब डॉलर), दूरसंचार उपकरण (6.5 अरब डॉलर), कीमती व अर्ध-कीमती पत्थर (5.3 अरब अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 अरब डॉलर), सोना व अन्य कीमती धातु के आभूषण (3.2 अरब डॉलर), सहायक उपकरण सहित सूती तैयार वस्त्र (2.8 अरब डॉलर) और लोहा व इस्पात के उत्पाद (2.7 अरब डॉलर) शामिल था. आयात में कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (3.6 अरब डॉलर), कोयला व कोक (3.4 अरब डॉलर), कटे व पॉलिश किए हुए हीरे (2.6 अरब डॉलर), इलेक्ट्रिक मशीनरी (1.4 अरब डॉलर), विमान, अंतरिक्ष यान व उसके पुर्जे (1.3 अरब डॉलर) और सोना (1.3 अरब डॉलर) शामिल थे.
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