Rafale Fighter Jet: अलास्का में अमेरिकी वायु सेना के साथ एक महत्वपूर्ण रेड फ्लैग अभ्यास से लौटते समय भारतीय वायु सेना के 8 राफेल लड़ाकू विमान ग्रीस पहुंच रहे हैं. लंबी यात्रा के दौरान भारतीय वायु सेना ने अपने पड़ाव में रुकने के लिए ग्रीस को चुना है. इस मौके पर भारत और ग्रीस की एयरफोर्स एक साथ साझा सैन्य अभ्यास करेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत ने अपने राफेल लड़ाकू विमानों को ठहराने और सैन्य अभ्यास के लिए ग्रीस को ही क्यों चुना?


मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लिए ग्रीस महत्वपूर्ण रणनीतिक तौर पर सहयोगी है. इसके अलावा ग्रीस के पास पहले से ही राफेल लड़ाकू विमान हैं. ऐसे में भारत भूमध्य सागर की कूटनीति में ग्रीस को भी महत्व देता है. हालांकि, इस संयुक्त अभ्यास से तुर्की और पाकिस्तान दोनों ही नाखुश होने वाले हैं, क्योंकि, ग्रीस की दुश्मनी तुर्की से है जोकि पाकिस्तान का सहयोगी पार्टनर है. जबकि, भारत से पाकिस्तान और तुर्की की दुश्मनी तो जगजाहिर है.


जानिए भारत ने ग्रीस को ही क्यों चुना?


भारतीय वायु सेना ग्रीस की वायु सेना के साथ अक्सर युद्धाभ्यास करती रही है. अभी हाल ही में ग्रीस के सैन्य चीफ जनरल दिमित्रियोस हूपिस ने भारत की यात्रा की थी. इस दौरान डिप्लोमैसी और सैन्य संबंधों पर मुहर लगी थी, जिसके नतीजें अब सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि अगस्त में बहुराष्ट्रीय अभ्यास 'तरंग शक्ति 24' में F-16 ब्लॉक 52+ फाइटर जेट शामिल होने के लिए भारत पहुंचेंगे. ये इंडियन एयरफोर्स का सबसे बड़ा अभ्यास है, जिसमें अमेरिका, फ्रांस, इटली और जर्मनी सहित 52 देशों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है. 


तुर्की-PAK को ग्रीस वायुसेना का मुंहतोड़ जवाब


इंडियन एयर फोर्स के इस अभ्यास के लिए ग्रीस वायु सेना की एफ-16 को जोधपुर एयरबेस पहुंचना होगा. जोकि पाकिस्तानी सीमा के काफी करीब है. बता दें कि, पिछले साल ग्रीस वायु सेना ने एक अभ्यास का आयोजन किया था, जिसमें भारतीय वायु सेना के सुखोई लड़ाकू विमानों ने बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया था. इस बीच भारत और ग्रीस की बढ़ती दोस्ती से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को काफी झटका लग रहा है.


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