Indian Students Protest In Canada: कनाडा में पढ़ाई करने वाले भारतीय स्टूडेंट्स (Indian Students) में से तकरीबन 700 मुसीबत में हैं. खबरें हैं कि कनाडाई सरकार (Canada Govt) उन्हें अपने यहां से निकालेगी. डेपोर्ट किए जाने के डर से सैकड़ों भारतीय स्टूडेंट्स ने कनाडा में प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
द कैनेडियन प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में पीएम जस्टिन ट्रूडो की अगुवाई वाली सरकार ने भारत के 700 स्टूडेंट्स को अपने देश से डेपोर्ट कर वापस भारत भेजने का फैसला कर लिया है. दरअसल, इन सभी स्टूडेंट्स पर फर्जी ऑफर लेटर के माध्यम से एडमिशन लेने का आरोप है. इसी सिलसिले में पहले वहां से पंजाब की रहने वाली लवप्रीत सिंह को डेपोर्ट किया गया और उसके बाद जल्द ही एक दर्जन छात्रों को और भारत वापस भेजने की तैयारी है.
700 स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट्स फेक: कनाडाई सरकार
कनाडाई सरकार की घोषणा में भारत के लगभग 700 स्टूडेंट्स का जिक्र है, इसलिए वे स्टूडेंट्स कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी (CBSA) के हेडक्वार्टर के बाहर और मिसिसॉगा एयरपोर्ट के पास धरने पर बैठ गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या काफी बढ़ी है, जिनमें ज्यादातर स्टूडेंट्स पंजाब प्रांत से हैं. हर साल करीब ढाई लाख भारतीय स्टूडेंट्स कनाडा और दूसरे अन्य देशों में पढ़ाई करने जाते हैं और उनमें बड़ी हिस्सेदारी पंजाबी छात्रों की होती है. ऐसी ही एक स्टूडेंट लवप्रीत सिंह सितंबर 2017 में लैंबटन कॉलेज में मैनेजमेंट करने के लिए मिसिसॉगा गई थी. अब उसे वहां से वापस भेज दिया गया है. जिसके बाद लवप्रीत ने ट्वीट कर लिखा, कि "कई ट्रेवल एजेंट भारतीय स्टूडेंट्स को ठग रहे हैं उनके जाली दस्तावेज बना रहे हैं".
भारतीय स्टूडेंट ने बताई आपबीती, एजेंट्स दे रहे धोखा
लवप्रीत ने कहा, 'मेरे साथ भी धोखा हुआ था. एक एजेंट ने मुझे उस कॉलेज से संपर्क करने से मना किया था, जहां एडमिशन मिला था और फिर बाद में मुझे दूसरे कॉलेज में शिफ्ट करने के लिए कह दिया गया था. अब मुझे वहां से निकाल दिया गया है' लवप्रीत के मुताबिक, ये काफी संदेहास्पद था और बाद में पता चला कि मुझे दस्तावेज कॉलेज के सिस्टम में नहीं दिखाई दे रहे थे और इमिग्रेशन लेटर भी फर्जी थे. उसने कहा, "कई ट्रेवल एजेंट हैं, जो इसी तरह से स्टूडेंट्स को ठगी का शिकार बना रहे हैं."
'विदेश मंत्री एस जयशंकर को कराएंगे मामले से अवगत'
इस मामले पर पंजाब NRI मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने विदेश मंत्री (EAM) एस जयशंकर से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा- हम भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात कर पूरे मामले को भारत सरकार के संज्ञान में लाना चाहते हैं, ताकि स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में न पड़े, क्योंकि उन्हें जालसाजों ने धोखा दिया है.
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