रूस के खिलाफ यूक्रेन का असली हथियार कैसे बना सोशल मीडिया, जानिए कैसे पकड़ी जा रही है कमजोरी?
रूस-यूक्रेन जंग के बीच भले ही रूस का पक्ष बेहद मजबूत हो, लेकिन इंटरनेट की दुनिया में ये जंग यूक्रेन जीत रहा है. राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की संग उनके देश की 4.49 करोड़ की आबादी है.
साहस आग है और धमकी धुंआ है... ब्रिटेन के पूर्व पीएम और लेखक बेंजामिन डिसरायली के लफ्जों पर चलता यूक्रेन इसे साबित करके भी दिखा रहा है. जंग के मैदान पर ही नहीं बल्कि इंटरनेट के मैदान पर भी पूर्वी यूरोप के 603,628 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस देश ने रूस के खिलाफ जोरदार जंग छेड़ रखी है.
रूसी रक्षा मंत्रालय की ये सोशल मीडिया टीम इंटरनेट के मैदान में रूस को मात देने के लिए 24 घंटे तैनात रहती है. ये टीम इतनी मुस्तैद है कि एक घंटे के अंदर ही देश में घटी किसी भी घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देती है. इसके लिए टीम मीम्स से लेकर म्यूजिक वाले वीडियो का भी इस्तेमाल करती है.
सोशल मीडिया बड़ा हथियार
इस साल फरवरी में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर युद्ध का एलान किया था. इसे लगभग 8 महीने होने को आए हैं. इसके साथ ही ये युद्ध अधर में लटक गया है. यूक्रेन के जवाबी हमले जारी हैं और शुरुआती दौर में कमजोर पड़ रहा ये देश ताकतवर रशिया पर कई मोर्चों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. इसी का नतीजा है कि रूसी सेना दूसरे मोर्चों पर यूक्रेन पर दबाव बना रही है.
बावजूद इसके इंटरनेट पर यह बहुत ही एकतरफा मामला है. इस मोर्चे पर यूक्रेन रूस को मात दे रहा है. अगर ये कहें कि ये युद्ध अगर जमीन पर नहीं सोशल मीडिया पर होता तो निश्चित तौर पर यूक्रेन विजेता होता. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के सोशल मीडिया की टीम इस कदर मजबूत है कि वह यहां रूस को पटखनी देने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है.
यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय की सोशल मीडिया वॉलिंटियर टीम मैनेज करने वाली ओलेना के शब्दों में कहें तो "यह एक मीम राष्ट्र है." वह सोशल मीडिया पर रूस के खिलाफ लड़ाई लडने के साथ ही कीएव की व्यवसायी भी हैं. इस तरह से यूक्रेन के कई देशभक्त नागरिक इस मीम युद्ध में रूस को मात देने के लिए डटे हैं.
ओलेना कहती हैं, "अगर यह मीम्स का युद्ध होता, तो हम जीत जाते." ओलेना उनका उसका असली नाम नहीं है. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने उन्हें और उनकी टीम के संवेदनशील काम को देखते हुए उन्हें गुमनाम रहने के लिए कहा है. उनकी टीमें 24 घंटे काम करती हैं. घंटों के भीतर देश भर की खबरों पर प्रतिक्रिया देती हैं, देश और विदेश में मंत्रालय के दर्शकों के लिए अक्सर संगीत वाले असर डालने वाले वीडियो बनाती हैं.
नजर रखती है राष्ट्रपति के संदेशों पर
जिस तरह यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लदिमीर ज़ेलेंस्की देश के इतिहास, संस्कृति और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए विदेशी संसदों में भाषण देते हैं. उन भाषणों के असली संदेश को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में असरदार तरीके से पहुंचाना भी ओलेना की अंतरराष्ट्रीय टीम का काम है. ब्रिटेन को सैन्य मदद के लिए धन्यवाद कहने का इस टीम का अंदाज निराला था.
Friends will be friends
— Defense of Ukraine (@DefenceU) June 22, 2022
When you're in need of love they give you care and attention
Friends will be friends
When you're through with life and all hope is lost
Hold out your hand 'cause friends will be friends
Right till the end.
Thank you, UK!@BWallaceMP @BorisJohnson pic.twitter.com/p9gAnLIs9X
इसके लिए टीम ने इस मदद को लेकर जून में एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें गुस्ताव होल्स्ट और द क्लैश का संगीत के साथ शेक्सपियर, डेविड बॉवी, लुईस हैमिल्टन की झलक साथ ब्रिटेन के सप्लाई किए गए एंटी टैंक वेपन के एक्शन वाला मोंटाज था. ट्विटर पर इस वीडियो की पोस्ट के साथ लिखा था- दोस्त हमेशा दोस्त रहेंगे, जब आपको प्यार की जरूरत होती है तो वे आपकी देखभाल करते हैं और ध्यान देते हैं.
Sophie Marceau… Isabelle Adjani… Brigitte Bardot…
— Defense of Ukraine (@DefenceU) October 12, 2022
Emmanuel Macron! … and CAESARs!
🇺🇦❤️🇫🇷 pic.twitter.com/JQDmAO6cjH
हाल ही में, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सीज़र स्व-चालित बंदूकों की आपूर्ति करने के फैसले का भी इस टीम ने बड़े शानदार तरीके से थैंक्स किया था. इस वीडियो को "रोमांटिक इशारे कई रूप लेते हैं शीषर्क से पोस्ट किया गया. इसमें लाल गुलाब, चॉकलेट, पेरिस की स्काई लाइन के साथ पेरिस के आकाश में जमीन से तोपों को दागते हुए दिखाया गया था. इसमें सर्ज गेन्सबर्ग और जेन बिर्किन की फिल्म "जे ताइमे मोई नॉन प्लस (Je T'aime Moi Non Plus) का संगीत दिया गया है. मैक्रों-ज़ेलेंस्की ब्रोमांस यानी दिली दोस्ती के लिए बेहद सटीक चित्रण था.
The art of marketing Swedish-style. How to support the Forces of Good in war and promote the name of your king.
— Defense of Ukraine (@DefenceU) June 18, 2022
🇺🇦🤝🇸🇪
Don't stop, dear Swedes. Ukraine still needs your support. pic.twitter.com/SvyvLXj3Ts
ओलेना का कहना है कि उनका पसंदीदा "धन्यवाद" देने वाला वीडियो स्वीडन का उनके देश में अहम निवेश का है. इसमें स्वीडन की तारीफ करते हुए दिखाया गया है कि 4.5 मिलियन डॉलर के रूसी टी -90 ( T-90) टैंकों को धूल चटाने वाले स्वीडन के 20,000 डॉलर कार्ल गुस्ताव रॉकेट (Carl Gustav Rocket ) के लिए यूक्रेन स्वीडन का आभारी है.
यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के बढ़ते फॉलोअर्स
टीम के कोशिशों की बदौलत ही यूक्रेन रक्षा मंत्रालय के ट्विटर फीड (Twitter Feed) के अब दुनिया भर में 1.5 मिलियन फॉलोअर्स हैं. कुछ वीडियो को एक मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है. रूसी कब्जे वाले क्रीमिया में रूसी ठिकानों पर कई रहस्यमय हमलों के बाद इस टीम ने अगस्त में एक वीडियो जारी किया था. ये इस टीम का सबसे सफल वीडियो है, जिसे 2.2 मिलियन बार देखा जा चुका है.
इस वीडियो में बनारमा के क्रुएल समर (Cruel Summer) सांग के संग क्रीमिया प्रायद्वीप पर छुट्टी पर जाने के लिए रूसियों का मज़ाक उड़ाया गया है. इस सोशल मीडिया टीम का खास मकसद अंतरराष्ट्रीय दर्शकों से बात करना और यह दिखाना है कि यूक्रेन वास्तव में जीत हासिल करने के काबिल है.
ओलेना कहती हैं, "क्योंकि कोई भी हारे हुए लोगों में निवेश नहीं करना चाहता." लेकिन ओलेना की एक और टीम अधिक विध्वंसक काम करती है, जिसे रूसी नुकसान को उजागर करने और यूक्रेन के आक्रमणकारियों का हौसला तोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
रूस है निशाना
यूक्रेन रक्षा मंत्रालय की सोशल मीडिया टीम अपने लोगों और सेना की हौसला अफजाई के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रूसी सेना की नाकामी दिखाने वाले वीडियो पोस्ट करती है. इस टीम के पास इस तरह की सामग्री की कमी नहीं है, लेकिन उन्होंने ट्रायल और एरर के जरिए सीखा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों पर असर डालने में किस तरह की पोस्ट काम करती है और किस तरह की नहीं.
ओलेना बताती हैं,"हमने मारे गए रूसियों की लाशों को दिखाना शुरू किया और तब हमने महसूस किया कि यह वास्तव में काम नहीं करता था. इस तरह की पोस्ट ने केवल हमारे खिलाफ उन्हें एकजुट किया." इसके बाद इस टीम ने मारे गए यूक्रेनी नागरिकों की तस्वीरों को दिखाकर रूसी सैनिकों की अंतरात्मा को जगाने की कोशिश की, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ.
ओलेना ने कहा,"हमने महसूस किया कि रूसियों को वास्तव में इस पर गर्व था,वे इसकी बिल्कुल भी निंदा नहीं कर रहे थे, तब हमने महसूस किया कि हमें इसे और अधिक विवेकपूर्ण तरीके से करना होगा." अब यूक्रेन रक्षा मंत्रालय के सोशल मीडिया स्वयंसेवक ने रूस को मात देने का नया तरीका निकाला है. अब वो रूसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की छानबीन करते हैं. इस देश के खास हिस्सों में कमजोरियों का पता लगाकर बस बटन दबाने का इंतजार करते हैं.
ओलेना कहती हैं, "यदि आप इस तरीके को रूस के शहर सेराटोव में आजमाते हैं तो आपको पहले यह जानना होगा कि सेराटोव में क्या हो रहा है. इसी तरह यदि आप इसे निज़नी नोवगोरोड में करते हैं, तो आपको यह जानना होगा कि निज़नी नोवगोरोड में क्या हो रहा है."
वर्चुअल मोर्चे पर असरदार काम
इस काम के असर का आकलन करना बेहद मुश्किल है, लेकिन व्लादिमीर पुतिन की हाल की आंशिक लामबंदी ने इन वॉलिंटियर्स को काम करने के लिए बहुत सारा मसाला मुहैया करा दिया है.ओलेना कहती हैं, "हम रूसियों की लामबंदी का इंतजार कर रहे थे, हम जानते थे कि ये उनके लिए बहुत ही मनोबल गिराने वाला होगा."इस तरह की सामग्री पाने का बेहतरीन और इकलौता तरीका मैसेजिंग सर्विस टेलीग्राम है.
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के लिए इस तरह की सामग्री देने वाले वॉलिंटियर्स जीवंत, उग्र देशभक्त समुदाय का एक छोटा सा हिस्सा हैं. जो कभी-कभी अद्भुत गति के साथ जमीन पर होने वाली घटनाओं पर प्रतिक्रिया करते हैं. टेलीग्राम चैनल बड़ी संख्या में फॉलोअर्स को आकर्षित करते हैं. एक ऐसा ही चैनल यूक्रेनी आक्रामक Ukrainian Offensive) है इसके 96,485 फॉलोअर्स हैं. इसका स्लोगन है- 2014 से सूचना युद्ध के नागरिक- मीम मोर्चे पर लड़ना.
एक तरह से ये सैन्य अपडेट का खजाना है. ये पूरी तरह से मास्को को ट्रोल करने के साथ ही पश्चिमी मीडिया कवरेज पर भी फोकस करता है. ये अधिकांश अन्य चैनलों की तरह मारे गए या मारे जा रहे रूसी सैनिकों की तकलीफों का फुटेज दिखाने से गुरेज नहीं करता. हाल ही में रूस को कब्जे वाले क्रीमिया से जोड़ने वाले कर्च ब्रिज पर हुए विस्फोटों ने यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय की सोशल मीडिया टीम को अच्छा खासा मसाला दे डाला. इस वारदात के चुटकुलों और मीम्स का ज्वार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उमड़ आया. यूक्रेन की इंटरनेट सेना ने इसका बेतहाशा जश्न मनाया.
यूक्रेनी नागरिक हैं एकजुट
यूक्रेन रातोंरात डिजिटल निंजा का देश नहीं बन गया. इसमें वर्षों की मेहनत लगी है. पूर्वी डोनबास क्षेत्र में 8 साल के युद्ध ने सोशल मीडिया में माहिर वॉलिंटियर्स को अपने हुनर को तेज करने का मौका दिया. इसमें दुष्प्रचार का मुकाबला करने से लेकर मनोबल को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई हास्य सामग्री को फैलाने तक के हुनर को निखारा गया.
यूक्रेन के सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन एंड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी के प्रमुख इहोर सोलोवी (Ihor Solovey) कहते हैं कि मौजूदा सोशल मीडिया का माहौल आधिकारिक और लोकप्रिय भावनाओं की असाधारण समानता को दिखाता है. वह कहते हैं कि हम इतिहास में शायद पहली बार ये देख रहे हैं जब नागरिक समाज देश पर भरोसा करता है और उसकी मदद कर रहा है. सशस्त्र बल अपना काम कर रहे हैं, जबकि लोग अपने दम पर कंटेंट, मीम्स बनाने के रचनात्मक काम कर रहे हैं. क्योंकि हर कोई अपने भविष्य के लिए जवाबदेही महसूस करता है."
क्या रूस कर पाएगा जवाबी हमला
क्रेमलिन के ट्रोलर और संदिग्ध स्कैमर्स की साख पर नजर डाली जाए तो ऐसा नहीं लगता कि वो यूक्रेन की इंटरनेट सेना का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं. यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय की सोशल मीडिया वॉलिंटियर टीम इंचार्ज ओलेना कहती हैं कि इस मोर्चे पर रूसी कुछ भी दिलचस्प नहीं दे पाए हैं. न कोई हास्य नहीं, न कोई खूबसूरती, न किसी तरह की करुणा और यहां तक की अपने दर्द को भी वो तरीके से सोशल प्लेटफॉर्म्स पर नहीं परोस पाए हैं.
इस महीने की शुरुआत में दो मशहूर रूसी शरारती मसखरों ने इसकी कोशिश की थी. उन्होंने यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा (Dmytro Kuleba) को ठगने का पूरा इंतजाम कर डाला था. इस शरारत से कुलेबा ने सोचा कि वो मास्को में एक पूर्व अमेरिकी राजदूत माइकल मैकफॉल से बात कर रहे हैं.
असल में वो अमेरिकी राजदूत नहीं बल्कि यही मसखरे थे. बाद में रूसी मीडिया ने इस बातचीत के कुछ हिस्से दिखाए गए. जिसमें कुलेबा को ये स्वीकारते हुए दिखाया गया कि क्रीमिया और रूस में हाल के हमलों के लिए यूक्रेन जिम्मेदार था. रूसी सोशल मीडिया मसखरों ने इस शरारत को 8 अक्टूबर कर्च ब्रिज विस्फोट से पहले अंजाम दिया था.
अगर रूस के पास भी इसी तरह की आविष्कारशील इंटरनेट सेना हो तो क्या हो, इसके जवाब में ओलेना कहती हैं कि इसके आसार कम ही दिखाई देते हैं. रूसी सोशल मीडिया लड़ाके यूक्रेन पर जवाबी हमला करने में कामयाब नहीं हो पाए हैं.
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