नई दिल्लीः मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह होंगे. सोलिह ने मालदीव प्रोगेसिव पार्टी के अब्दुल्ला यामीन को करारी शिकस्त दी. सत्ता में फेरबदल भारत के लिए बेहद अहम है.
मालदीव में नयी सत्ता के आगाज में जश्न मनाया जा रहा है. मालदिवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने चुनाव में तमाम गड़बड़ियों की आशंका को दरकिनार करते हुए जीत का परचम लहरा दिया. जबकि भारत को छोड़ चीन का साथ देने वाले मालदीव प्रोग्रेसिव पार्टी के अबदुल्ला यामीन अब्दुल गयूम के तालिबानी शासन को मालदीव की जनता ने नकार दिया. मोहम्मद सोलिह को 1 लाख 33 हजार 808 वोट मिले वहीं यामीन अब्दुल को 95 हजार 526 वोट ही मिले.
यामीन ने अपने कार्यकाल के दौरान विपक्षी पार्टियों, अदालतों और मीडिया पर कड़ी कार्यवाही की थी. लेकिन मालदीव के नागरिकों के मताधिकार की ताकत के आगे यामीन को करारी हार का मुंह देखना पड़ा. भारत ने इस जीत का स्वागत करते हुए इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को बधाई दी है.
भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण क्यों है मालदीव में सत्ता परिवर्तन
दरअसल, मालदीव में सत्ता की कायापलट भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सोलिह चीन के प्रबल विरोधी हैं. चीन कुछ सालों से मालदीव पर काफी ध्यान दे रहा है क्योंकि इसके जरिए वह हिन्द महासागर में भारत को घेरने की योजना बना रहा है. मालदीव में मोहम्मद सोलिह के कमान सभांलने के बाद भारत और मालदीव के बीच रिश्तों को मजबूती मिलेगी, जिससे चीन के नापाक इरादों पर लगाम लगना तय है.
मालदीव राष्ट्रपति चुनाव: संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार इब्राहीम सोलिह की जीत