Nepal Internet outages: नेपाल में पिछले हफ्ते इंटरनेट यूजर्स को तब परेशान होना पड़ा, जब वहां नेट सेवाओं पर असर पड़ा. गुरुवार (दो मई, 2024) को वहां की कई टेलीकॉम कंपनियों के कस्टमर्स खुद-ब-खुद ऑफलाइन चले गए और उन्हें इस दौरान नेट से जुड़ी सेवाओं को एक्सेस करने में खासा मुश्किल हुई.
पड़ोसी देश से लेकर भारत में इस दौरान इस मामले से जुड़ी एक थ्योरी सामने आई, जिसमें दावा किया गया था कि नेपाल 100 रुपए का नया नोट लाने वाला है और उसमें वह भारत के तीन हिस्सों (लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी) को दर्शाएगा. यही वजह है कि भारत की ओर से मुहैया कराई जाने वाली नेट सेवाओं को प्रभावित किया गया है. हालांकि, यह इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है. नेपाल में आने वाले नए नोट से इंटरनेट सेवाओं पर पड़े असर का कोई लेना देना नहीं है.
नेपाल की टेलीकॉम कंपनियों को भारत के वेंडर देते हैं सेवा
दरअसल, नेपाल में वहां की टेलीकॉम कंपनियों को ये सेवाएं भारत की फर्म्स की ओर से दी जाती हैं. टेलीकॉम कंपनियों ने हाल ही में चेताया था कि वे कभी भी सेवाओं को बंद कर सकती हैं. वैसे, इंटरनेट को पूरी तरह से बंद नहीं किया गया पर कुछ जगह उसकी स्पीड जरूर कम कर दी गई थी.
पहले भी मिली थी चेतावनी- नहीं चुकाया बकाया तो...
टेलीकॉम कंपनियों ने इस सिलसिले में बीते साल भी चेताया था कि अगर उनकी बकाया रकम नहीं चुकाई गई, तब वे सेवाएं निलंबित कर देंगी. मौजूदा समय में नेपाल की ओर से भारत के वेंडर्स को तीन बिलियन नेपाली रुपए (22.5 मिलियन डॉलर्स) चुकाए जाने हैं. नेपाल सरकार ने वहां की टेलीकॉम कंपनियों से कहा था कि सरकार यह पेमेंट तब करेगी जब नेपाली टेलीकॉम कंपनियों उन्हें टैक्स चुकाएंगी. जब तक वे टैक्स नहीं देती हैं तब तक भारत के वेंडर्स को पैसा नहीं दिया जाएगा.
ISPAN चीफ ने किया आगाहः आगे भी हो सकता है ऐसा
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ नेपाल (आईएसपीएएन) की ओर से भी साफ किया गया था कि बकाया रकम न चुकाया जाना ही इंटरनेट सेवाएं प्रभावित होने के पीछे का असल कारण था. आईएसपीएएन चीफ सुवश खडका ने चेताते हुए आगे बताया- ऐसा आगे भी हो सकता है. यह हमारे हाथों में नहीं है. इंटरनेट आज के दौर में अहम सेवा बन चुका है और सरकार को इस पर जवाब देने की जरूरत है.
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