इस्लामाबाद हाईकोर्ट से इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान जल रहा है. इमरान के समर्थकों ने गवर्नर हाउस के साथ-साथ सेना के कई दफ्तरों को फूंक दिया है. पाकिस्तान सरकार के मुताबिक हिंसा और आगजनी में अब तक 5 अधिकारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. 


इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने बुधवार को भी देशव्यापी प्रदर्शन की अपील की है. लाहौर और पंजाब प्रांत में पीटीआई समर्थक सेना के बड़े अधिकारियों के घर का घेराव करेंगे. पीटीआई का कहना है कि पुलिसिया कार्रवाई में उनके एक कार्यकर्ता मारे गए हैं.


पाकिस्तान गठन के बाद यह पहली बार है, जब जनता और किसी राजनीतिक दल की रडार पर उसकी सेना है. खैबर पख्तूनख्वा, लाहौर, रावलपिंडी में सेना पर पथराव भी हुआ है. इमरान समर्थकों का कहना है कि सेना की वजह से ही उनकी गिरफ्तारी हुई है.


पाकिस्तान में बिगड़े हालात पर ब्रिटेन और अमेरिका ने बयान जारी किया है. पाकिस्तान के मौजूदा हालात ने भारत की भी चिंता बढ़ा दी है. पड़ोसी मुल्क पर भारत की नजर बनी हुई है. भारत सरकार इस्लामाबाद में डिप्लोमेटिक मिशन और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है.


पाकिस्तान में पनपे हालात से सबसे अधिक अलर्ट पर भारत को रहने की जरूरत है, क्यों? आइए इसे विस्तार से जानते हैं...


1. प्रदर्शनकारियों की रडार पर सेना- द विल्सन सेंटर में साउथ एशिया के डायरेक्टर माइकल कुगलमैन के मुताबिक पाकिस्तान में सेना पर इस तरह का हमला अकल्पनीय है. सेना की संपत्ति पर जिस तरह इमरान समर्थकों ने धावा बोला है, उससे उसकी विश्वसनीयता खतरे में है.


पाकिस्तान गठन के बाद सत्ता हासिल करने और उसे चलाने में पाकिस्तान सेना की मुख्य भूमिका रही है. सेना के हस्तक्षेप को लेकर कई बार सवाल भी उठे हैं, लेकिन कभी भी इस तरह का हमला सेना पर नहीं किया गया है. इमरान समर्थकों का कहना है कि सेना ने रेड लाइन क्रॉस कर दिया है. 


प्रदर्शनकारियों की रडार पर सेना के रहने की वजह से भारत को अलर्ट रहना पड़ेगा. क्योंकि ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तानी सेना किसी वारदात को अंजाम दे सकती है.  पाकिस्तान में सेना की विश्वसनीयता जब भी खतरे में पड़ती है तो भारत पर पाकिस्तान हमला कर देता है.


भारत ने खतरे को भांपते हुए एलओसी पर अलर्ट जारी करते हुए सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया है. इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ को भी अलर्ट पर रखा गया है, जिससे पाकिस्तानी सेना के मंसूबे के बारे में जानकारी मिल सके.


2011 और 2013 में पाकिस्तान की सेना भारतीय सेना पर कायराना हमला कर चुका है. 2013 में भारत के 12 सैनिक शहीद हुए थे. पाकिस्तान इसके अलावा आतंकियों के जरिए भी भारत की सीमा पर घुसपैठ की कोशिश करता है. 


2. बिजनेस के क्षेत्र में भी अलर्ट रहना होगा- पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक अस्थिरता बनी रहने की संभावना है. पाकिस्तान मामलों के विशेषज्ञ वाकिर सज्जाद के मुताबिक इमरान को चुनाव से दूर करने के लिए गिरफ्तार किया गया है. 


सज्जाद आगे कहते हैं- समर्थकों में पीटीआई ने साफ संदेश भेजा है कि सेना और सरकार मिलकर इमरान को दोषी ठहराएगी, जिससे इमरान आगे का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. अक्टूबर 2023 में पाकिस्तान में आम चुनाव प्रस्तावित है.


पाकिस्तान में अगर आम चुनाव तक इस तरह का माहौल बना रहता है तो भारत को कारोबार के क्षेत्र में भी झटका लग सकता है. भारत सरकार ने हाल ही में संसद में बताया था कि अप्रैल-दिसंबर 2022 में दोनों देशों के बीच कुल 1.35 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था.


भारत पाकिस्तान से सीमेंट, चमड़े का सामन और ड्राइफ्रूट आदि खरीदता है. पाकिस्तान में हिंसात्मक माहौल बना रहता है, तो सप्लाई ठप होती है तो भारत को दूसरे विकल्प पर विचार करना होगा. 


3. राजनयिकों की सुरक्षा का भी मसला- 2019 में तल्खियों के बाद भारत ने कई राजनयिकों को वापस बुला लिया था. हालांकि, पाकिस्तान में भारत का दूतावास अभी भी काम कर रहा है. दूतावास में अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों की भी तैनाती की गई है.


पाकिस्तान में जिस तरह हालात बदतर होते जा रहे हैं, उससे इन कर्मचारियों की सुरक्षा का मसला भी अहम हो गया है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के हालात पर पैनी नजर बनाए रखने की बात कही है. 


प्रदर्शनकारियों की चपेट में भारत उच्चायोग न आ जाए, इसके लिए सरकार और वहां काम करने डिप्लोमेट मिशन को अलर्ट पर रहने की जरूरत है. वरना पाकिस्तानी प्रदर्शनकारी बड़ी घटना को अंजाम देने में वक्त नहीं लगाएंगे.


पाकिस्तान में क्यों उलझता गया इमरान का मुद्दा?
सत्ता से जाने के बाद ही इमरान खान पाकिस्तान की सेना और सरकार के निशाने पर थे. इमरान लगातार शहबाज सरकार और सेना के बड़े अधिकारियों पर बयानों के जरिए हमला बोल रहे थे. 


हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख को इमरान खान ने बादशाह बता दिया था. खान ने कहा था कि सेना के लोग आम जनता को गुलाम समझते हैं. इमरान ने सेना से खुद को खतरा भी बताया था.


पाकिस्तान में इमरान की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं. मसलन, पाकिस्तान में अब आगे क्या होगा? पाकिस्तान की जनता के लिए सेना का रूख क्या हो सकता है?


1. मार्शल लॉ की चर्चा सबसे अधिक- पाकिस्तान में पंजाब और सिंध प्रांत में सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई तक चुनाव कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर चुनाव नहीं कराए गए तो कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी. 


इसी बीच इमरान की गिरफ्तारी को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है. इमरान समर्थकों का कहना है कि लोकतंत्र की बात करने की वजह से ही उन्हें गिरफ्तार किया गया है.


पाकिस्तान में इमरान की गिरफ्तारी के बाद मार्शल लॉ लगने की चर्चा सबसे अधिक है. सेना के कैंप पर जिस तरह हमले किए जा रहे हैं, उसे रोकने के लिए इसे लागू करने की बात कही जा रही है. 


इससे शहबाज सरकार को दो फायदा तुरंत मिल जाएगा. पहला, मार्शल लॉ लागू करने की वजह से पंजाब और सिंध में चुनाव नहीं कराने पड़ेंगे. दूसरा फायदा मार्शल लॉ लगने की वजह से इमरान समर्थक बेकाबू नहीं हो पाएंगे. 


पाकिस्तान में पहले भी चार बार मार्शल लॉ लगाए जा चुके हैं. मार्शल लॉ लगने के बाद शहबाज के पास से पावर सेना प्रमुख के पास शिफ्ट हो जाएगा.


2. इमरान को राहत, चुनाव हो सकता है- इमरान की गिरफ्तारी का मामला पाकिस्तान के सर्वोच्च अदालत में पहुंच चुका है. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट अब तक कई मामलों में इमरान को राहत दे चुका है. इनमें कई मामले इमरान वर्सेज सेना के थे.


इमरान को अगर राहत मिलती है तो सीधे तौर पर सेना को चुनौती होगी. मार्शल लॉ अगर लागू नहीं हो पाता है तो पाकिस्तान में चुनाव कराने होंगे. ऐसी स्थिति में इमरान का पलड़ा भारी हो जाएगा. 


इमरान ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि वे पाकिस्तान में लोकतंत्र की आखिरी उम्मीद हैं. इसलिए जनता घर से बाहर निकलें. पाकिस्तान में अगर चुनाव होता है तो सेना के लिए बड़ा झटका साबित होगा.


इमरान प्रकरण के बाद हालात और बदतर होंगे
इमरान खान की गिरफ्तारी और पाकिस्तान में हिंसा के बाद वहां के हालात और बदतर होने की संभावनाएं जताई जा रही है. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने संपादकीय में लिखा है- एक तरफ देश डिफॉल्टर होने की कगार पर है और लोग महंगाई से त्रस्त हैं. दूसरी ओर इमरान खान को गिरफ्तार कर राजनीतिक तापमान बढ़ाया जा रहा है. 


अखबार ने आगे लिखा है- इमरान की गिरफ्तारी के बाद देश में बवाल होगा, ये सब जानते थे. फिर गिरफ्तार क्यों किया गया? सरकार की नीति पर बड़ा सवाल है. क्या इमरान खान को गिरफ्तार कर लेने से समस्या का समाधान हो जाएगा?


माइकल कुगलमैन का कहना है कि पाकिस्तान में जिस तरह के हालात बन गए हैं, उसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष शायद ही फंड देने पर विचार करे. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान अभी आईएमएफ पर ही निर्भर है.


कुल मिलाकर कहा जाए तो आर्थिक संकट के साथ ही राजनीतिक संकट होने शुरू होने की वजह से पाकिस्तान के हालात और बदतर हो सकते हैं.


जाते-जाते जानिए इमरान मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?


- कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान को पंजाब रेंजर्स ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. इमरान यहां एक मामले में पेशी पर आए थे.


- इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी ने लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की. समर्थकों ने रावलपिंडी, लाहौर और फैसलाबाद में जमकर उत्पात मचाया.


- इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर सुनवाई की. देर रात अपने फैसले में इसे कानूनी बता दिया. इधर, पीटीआई के कई नेताओं के घर पर छापेमारी की कार्रवाई हुई.


- ब्रिटेन और अमेरिका ने बयान जारी कर पाकिस्तान को लोकतांत्रिक तरीका अपनाने की सलाह दी. ब्रिटेन ने अपने लोगों के लिए टूर एडवाइजरी भी जारी किया.


- पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में कहा कि इमरान खान को गेस्ट हाउस में रखा गया है. वहीं पर कोर्ट लगाई जाएगी और उनके मामले की सुनवाई की जाएगी.


- इमरान खान की पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है और गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की है. इमरान खान मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गई है.