नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया. यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत में से एक है. लेकिन दिलचस्प है कि जिस पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के लिए कोशिश में तेजी लाई, उसका संयुक्त राष्ट्र के फैसले में जिक्र नहीं है.


इसी साल 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की मसूद अजहर ने जिम्मेदारी ली थी. भारत ने भी इसके सबूत पाकिस्तान को दिये थे. कांग्रेस ने पुलवामा का जिक्र नहीं होने पर निराशा जताई है.


दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने जो प्रस्ताव मसूद अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रखा था, उसमें पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र था. लेकिन चीन ने इसपर आतत्ति जताई.


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संयुक्त राष्ट्र के कदम पर पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि मौजूदा प्रस्ताव पर इसे पुलवामा से जोड़े जाने की कोशिशों को हटाने सहित सभी राजनीतिक ऐतराजों के बाद सहमति बनी.


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की शक्ति रखने वाले देशों में शामिल चीन अजहर को ग्लोबल आतंकी की सूची में डाले जाने की कोशिशों में ‘तकनीकी रोक’ डाल रहा था और प्रस्ताव पर विचार करने के लिए और अधिक वक्त मांग रहा था.


फिर क्यों लगा मसूद अजहर पर प्रतिबंध?
मसूद अजहर पर अल-क़ायदा से संबंध रखने का आरोप है और उसे जैश-ए-मोहम्मद के लिए वित्तीय सहायता मिलती रही है, वह हमले की योजना बनाने के साथ हमलवारों को सहायता देता है. ऐसे काम भी कर रहा है जिसके द्वारा उसने हथियार बनाए हैं और अन्य सहज सामग्री प्राप्त की. जिसे जैश-ए मोहम्मद के लिए खरीदा और बेचा और इसके लिए आश्रय बनाया.


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संयुक्त राष्ट्र ने 17 अक्टूबर 2001 में अल कायदा और तालिबान को मदद करने के कारण जैश को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल किया था. यह भी बताया गया है कि वे अल-कायदा और तालिबान के लिए वित्तीय सहायता एकत्र करते रहे हैं और उन्हें हथियार मुहैया कराते हैं.


संयुक्त राष्ट्र के फैसले के बाद यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण परिणाम है क्योंकि हम इसके लिए कई बरसों से जुटे हुए थे. इस सिलसिले में पहली बार 2009 में कोशिश की गई थी. हाल फिलहाल में हमने इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अपनी सारी कोशिशें की.