No Trousers Day in London : ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रविवार (12 जनवरी) की सुबह लोग अन्य आम दिनों की तरह अपने घरों से निकलें. इस दौरान उन्होंने ऊनी कपड़े, कोट, जैकेट, टोपी और बाकी अन्य चीजें पहनी हुई थी. हालांकि इस दौरान एक चीज गायब थी और वह थी उनकी पैंट. रविवार (12 जनवरी) को हजारों की संख्या में लोग बिना पैंट के यानी सिर्फ अंडरवियर पहनकर मेट्रो, बस और सड़कों पर सफर करते और काम करते दिखे. बता दें कि इन लोगों में कई महिलाएं भी शामिल थीं.


दरअसल, लंदन के लोग एक खास दिन को मनाने के लिए ऐसा करत हैं. जी हां.. इस दिन को ‘नो ट्राउजर्स डे’ के नाम से जाना जाता है.


न्यूयॉर्क में नो ट्राउजर्स डे की हुई थी शुरुआत


उल्लेखनीय है कि नो ट्राउजर्स डे की शुरुआत साल 2002 में संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में हुई थी. इसके बाद इसका प्रचलन वॉशिंगटन, बर्लिन, प्राग सहित कई शहरों तक भी पहुंच गया. लंदन में नो ट्राउजर्स डे की शुरुआत साल 2009 में शुरू हुई, जिसे बहुत बड़े पैमाने पर मनाया गया और तभी से इस हर साल लंदन में आयोजित किया जाने लगा. इस दिन को मनाने वाले लोग ऐसे कपड़े पहनते हैं जिससे यह लगे कि वे अपनी पैंट पहनना भूल गए हैं.






दिलचस्प है इसे मनाने की वजह


इस दिन को मनाने के पीछे एक दिलचस्प वजह है. इस दिन को मनाकर लोग इसके जरिए माहौल को हल्का बनाकर लोगों के चेहरे पर हंसी लाने की कोशिश करते हैं. लोगों का कहना है कि इसका उद्देश्य परेशानियों को भुलाकर लोगों को हंसाना है.


बता दें कि ‘नो ट्राउजर्स ट्यूब राइड’ न्यूयॉर्क के कॉमेडियन चार्ली टॉड द्वारा बनाए गए स्टंट से प्रेरित है. चार्ली टॉड ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, “मुझे यह आइडिया तब आया जब मैंने सर्दियों के मौसम में एक दिन सब-वे पर एक शख्स को सिर्फ अंडरवियर पहने हुए देखा था.” उन्होंने आगे कहा, “इस दिन के आयोजन का लक्ष्य सिर्फ लोगों का मनोरंजन करना और उन्हें हंसाना है. यह बिल्कुल गलत नहीं है और यह किसी को परेशान करने के लिए नहीं किया जाता है. उम्मीद है कि यह भावना आगे भी जारी रहेगी.”


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