लाहौर: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को अपने घर के मामलों के बजाए दूसरों के घरों में ताकझांक करने की आदत है. इसी का नतीजा है कि अपने मुल्क में अशिक्षा, आतंकवाद और स्वास्थ्य जैसी जरूरतों पर ध्यान देने के बजाए वहां के नेता भी दूसरे मुल्कों में चल रही गतिविधियों पर ध्यान देते हैं. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. इस बार ये नेता कोई और नहीं बल्कि 'नया पाकिस्तान' बनाने ता दावा करने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान हैं.


नसीरुद्दीन के डर वाले के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बड़ा बयान आया है. इमरान खान ने कहा है कि हम मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं. जिससे अल्पसंख्यक सुरक्षित, संरक्षित महसूस करें और उन्हें 'नए पाकिस्तान' में समान अधिकार हों. खान ने पंजाब सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही.


पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ''हम मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं...भारत में लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं हो रहा है.''


इमरान खान नहीं रुके उन्होंने कहा कि यदि कमजोर को न्याय नहीं दिया गया तो इससे विद्रोह ही उत्पन्न होगा. अपनी बात को साबित करने के लिए इमरान खान ने उदाहरण दिया कि पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को उनके अधिकार नहीं दिए गए जो कि बांग्लादेश निर्माण के पीछे मुख्य कारण था.


उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके उचित अधिकार मिले. यह देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का भी दृष्टिकोण था.''


नसीरुद्दीन शाह ने क्या कहा था?
कहा, "मुझे डर लगता है कि किसी दिन गुस्साई भीड़ मेरे बच्चों को घेर सकती है और पूछ सकती है, 'तुम हिंदू हो या मुसलमान? इस पर मेरे बच्चों के पास कोई जवाब नहीं होगा." बुलंदशहर हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज के भारत में एक गाय की जान पुलिस वाले से ज़्यादा कीमती है.


वो कहते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों को किसी तरह की धार्मिक शिक्षा नहीं देने का फैसला किया. नसीरुद्दीन ने कहा कि भारतीय समाज में एक तरह का ज़हर फैल गया है और इस 'जिन्न' को वापस से बोतल में बंद करना बेहद मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने वालों को लेकर ऐसा भाव फैला है कि इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है.


यूपी के बुलंदशहर में भड़की हिंसा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "हम पहले ही देख चुके हैं कि एक गाय की जान की कीमत एक पुलिस वाले की जान से ज़्यादा है." नसीरुद्दीन शाह का ये हमला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की उस घटना पर है जहां मृत गाय मिलने के बाद हिंसा भड़की थी और सुबोध कुमार सिंह नाम के पुलिस वाले को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था. उन्होंने ये बात कारवान-ए-मोहब्बत के साथ एक ख़ास बातचीत में कही हैं.