पाकिस्तान पिछले 8 साल के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. इस देश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि यहां का विदेशी मुद्रा भंडार 7.8 अरब डॉलर तक गिर चुका है. यहां की करेंसी में भी भारी-भरकम गिरावट है. पाकिस्तान का एक रुपया डॉलर के मुकाबले 227.8 रुपये तक पहुंच चुका है. पिछले तीन महीने में पाकिस्तान की करेंसी की वैल्यू में 10 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है.
इस संकट से उबरने और ऊर्जा बचाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने कई कदम उठाए हैं. जिसमें से एक बाजारों को रात 8.30 बजे तक बंद करने का आदेश भी शामिल है. वहीं मैरिज हॉल और मॉल्स को बंद करने की ये समय सीमा 10 बजे तक सीमित की गई है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक पंखों और बल्बों को प्रोडक्शन जुलाई 2023 तक बंद कर दिया गया है और सरकारी विभागों को बिजली के उपयोग में 30 प्रतिशत की कटौती करनी है.
क्या बाजार बंद कर देने से पाकिस्तान की हालत सुधर जाएगें?
पाकिस्तान वर्तमान समय में चारो तरफ से संकट से घिरा हुआ है. देश बढ़ती ऊर्जा संकट और उच्च स्तर पर मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है. पाकिस्तान की सरकार के लिए तय करना मुश्किल हो रहा है कि विदेशी मुद्रा भंडार को बचाए या देश में बढ़ रहे खाद्यान्न आपूर्ति संकट का समाधान करे.
बीबीसी के अनुसार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का कहना है कि ऊर्जा संरक्षण योजना को लागू करने से पाकिस्तान ने लगभग 62 बिलियन यानी 274.3 मिलियन विदेशी मुद्रा को बचाया है.
हालांकि एक पाकिस्तानी अखबार के अनुसार कराची बंदरगाह पर सैंकड़ों ऐसे कंटेनर्स यूं ही पड़े हैं जिन पर सब्जियां लदी हुई हैं और अब वह घंटो घंटो तक बिजली काटे जाने के कारण सड़ रही हैं.
व्यापारी कर रहे हैं आदेश मानने से इनकार
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के स्थानीय व्यापारियों ने रात 8.30 बजे तक बाजार बंद करने से इनकार कर दिया है और रेस्तरां संघों ने कहा है कि शहबाज शरीफ सरकार द्वारा लिए गए ताजा फैसले उन्हें बर्बाद कर देंगे. ऑल पाकिस्तान रेस्तरां ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद फारूक चौधरी को इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में यह कहते हुए पाया गया कि इस देश की वास्तविक संकट मुद्रास्फीति है, आटे की कीमत लगभग 140 रुपये प्रति किलो, चिकन की कीमत 800 रुपये पार कर गई है. इसके अलावा चीनी, चावल, दाल, घी और तेल की कीमत भी चार सौ पार है.
व्यापारियों ने कहा है कि वह सरकार के रात 8.30 बजे अपनी दुकानें बंद नहीं करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं और ऐसा ही रहा तो वो प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. पाकिस्तानी वेबसाइन डॉन के संपादकीय में कहा गया, 'देश को इस स्थिति से निकालने के लिए की जा रही ऊर्जा बचत घोषणाएं "लाइलाज बीमारी" की चपेट में आए देश के लिए "होम्योपैथिक उपचार" की तरह है. जिसका वहां के स्थानीयों को कोई फायदा नहीं पहुंच पा रहा है.'
गहरे वित्तीय संकट में फंस चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान में श्रीलंका जैसे हालात बन चुके हैं. देश का विदेशी कर्ज जहां लगातार बढ़ रहा है, वहीं विदेशी मुद्रा में लगातार कमी देखी जा रही है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 के मार्च तक देश का कुल विदेशी कर्ज 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. इस कर्ज में एक बड़ा हिस्सा इमरान खान के कार्यकाल का है. उन्होंने केवल 3 साल के दौरान कुल 1400 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज लिया है. इसके साथ ही देश में विदेशी मुद्रा लगभग खत्म होने के कगार पर है.
पाकिस्तान में महंगाई
- दिसंबर में महंगाई दर 24.5%
- शहरों में खाद्य महंगाई 32.7%
- गांवों में खाद्य महंगाई 37.9%
पाकिस्तान में आटा आउट ऑफ स्टॉक!
- 1 साल में आटा 80% महंगा
- बलोचिस्तान में आटा खत्म
- आटा की कीमत 150 रु./KG
- एक रोटी की कीमत 25 रु.
- आटा को लेकर कई जगह भगदड़
- सरकारी गेहूं लेने के लिए भागमभाग
बिगड़ते आर्थिक संकट के पीछे क्या हैं कारण
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इस स्तर पर जाने के कई कारण है. इन कारणों में विदेशी मुद्रा की भारी कमी होना भी बड़ी कारण माना जा रहा है. पाकिस्तान के मुद्रा भंडार में 6.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई है. इस बीच, चीन ने भी पाकिस्तान में अपना निवेश कम कर दिया है, जिससे सहयोग भी कम हुआ है. देश की राजनीति भी लड़खड़ा रही है, जिसका असर देश की इकॉनोमी पर पड़ा है.
पाकिस्तान में बिजली की कमी से लोग परेशान हैं. यहां की सरकार बिजली बचाने को लेकर कई कदम उठा रही है. जिसमें से एक बाजारों को रात 8.30 बजे तक बंद करने का आदेश दे दिया है. वहीं मैरिज हॉल और मॉल्स को बंद करने की ये समय सीमा 10 बजे तक सीमित की गई है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक पंखों और बल्बों को प्रोडक्शन जुलाई 2023 तक बंद कर दिया गया है.
इस देश में रोजगार की कमी ने गरीबी को काफी बढ़ा दिया है. पिछले साल के मुकाबले साल 2022 में गरीबी दर में 35.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. दुनिया के सबसे गरीब देशों की लिस्ट में पाकिस्तान 116 देशों में 92 स्थान पहुंच गया.
पाकिस्तान में कर्मचारियों को सही समय पर वेतन भी नहीं मिल पा रहे हैं. सबसे ज्यादा खराब हालत रेलवे सेक्टर की है. रेलवे रिटायर हुए कर्मचारियों को ग्रेच्युटी नहीं दे पाया है, जो करीब 25 अरब रुपये हैं. इतना ही नहीं सैलरी देने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं हैं. इन कर्मचारियों का वेतन और पेंशन भी समय से नहीं मिल पा रहा है. खाद्य मुद्रास्फीति साल-दर-साल 35.5 प्रतिशत बढ़ी है जबकि पाकिस्तान में दिसंबर में परिवहन की कीमतें 41.2 फीसदी बढ़ चुकी है.