China Taiwan Dispute: इस विध्वंसक रॉकेट सिस्टम की मदद से ताइवान पर कब्जा कर सकता है चीन, अमेरिका ने किया दावा
China Taiwan Tension: चीन कभी भी ताइवान पर हमला कर उस पर कब्ज़ा कर सकता है. अमेरिका ने अपनी ताजा रिपोर्ट में इस बात को लेकर दावा किया है. चीन इसके लिए अपने खास हथियार का इस्तेमाल कर सकता है.
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China Taiwan Conflict: चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में चीन कभी भी ताइवान पर हमला कर सकता है और उस पर कब्ज़ा कर सकता है. अमेरिका ने अपनी ताजा रिपोर्ट में इस बात को लेकर दावा किया है. अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, चीन ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए अपने महत्वपूर्ण हथियार मल्टीपल रॉकेट लॉन्च सिस्टम (MLRS), PHL-16/PCL-191 का इस्तेमाल कर सकता है. इस रॉकेट लॉन्च सिस्टम की मदद से चीन रॉकेट दाग सकता है.
यूरेशियाई टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 70 किमी. और 300 किमी. की रेंज के बीच यह रॉकेट 150 किमी. के चीनी तट से ताइवान जलडमरूमध्य की पूरी दूरी को कवर कर सकता है. चीनी हथियार की जबरदस्त उपयोगिता का यह आंकलन यूएस नेवल वॉर कॉलेज के चाइना मैरीटाइम स्टडीज इंस्टीट्यूट (सीएमएसआई) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में किया गया है.
नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से भड़का है चीन
गौरतलब है कि PHL-16 रॉकेट सिस्टम को चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन (NORINCO) ने विकसित किया था और इसे 2019 के अंत में पेश किया गया था. यह प्रमुख हथियार पूर्व अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की 1 अगस्त की ताइवान यात्रा के बाद चर्चा में आया था. PHL-16 की मुख्य रूप से दूर मौजूद रणनीतिक लक्ष्यों, जैसे कि दुश्मन के हवाई क्षेत्र, कमांड सेंटर, सपोर्ट फैसिलिटी, एयर डिफेंस बैटरी, सैन्य काफिले को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. इसे दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट सिस्टम में से एक माना जाता है.
रॉकेट सिस्टम के आने के बाद बढ़ गईं चीन की क्षमताएं
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पास लैंडिंग से पहले युद्ध के मैदान को प्रभावित करने की सीमित क्षमताएं थीं, लेकिन PHL-16 रॉकेट सिस्टम के आ जाने से चीन की यह मुश्किलें दूर हो गईं हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते फरवरी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्स (पीएलएजीएफ) ने ईस्टर्न थिएटर कमांड की अपनी 73वीं ग्रुप आर्मी में PHL-16 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (एमएलआरएस) को तैनात किया है.
1949 से चला आ रहा है विवाद
रिपोर्ट के अनुसार, PHL-16 लॉन्ग रेंज ऑर्टिलरी रॉकेट को फायर कर सकता है. इसमें लगे रॉकेट सॉलिड प्रोपलैंट से चलते हैं. इनके हमला करने का तरीका बैलिस्टिक मिसाइल की तरह होता है, जो पहले तो काफी ऊपर जाते हैं और वहां से अपने लक्ष्य पर काफी तेजी से गिरते हैं. बता दें कि चीन और ताइवान के बीच 1949 से विवाद चला आ रहा है. चाइना ताइवान को विद्रोही प्रांत के रूप में देखता है. जबकि ताइवान खुद को एक लोकतांत्रिक देश मानता है. ऐसे में चीन बार बार कहता है कि वह फिर से ताइवान पर अपना कब्जा कर लेगा.
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