इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) डॉ. मोईद युसूफ ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी अच्छा विचार नहीं है. उन्होंने कहा कि वाशिंगटन ने इस्लामाबाद को आश्वस्त किया था कि इस प्रक्रिया में उसे ‘बलि का बकरा’ नहीं बनाया जाएगा जिससे युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में शून्यता उत्पन्न हो सकती है.


कब तक होगी सेना की वापसी


गौरतलब है कि अमेरिका ने 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी की घोषणा की है. पाकिस्तान का कहना है कि उसे चिंता है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी और शांति प्रक्रिया अधर में लटकने से अफगानिस्तान में सुरक्षा शून्यता की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.


पाकिस्तानी एनएसए का बयान


‘डॉन न्यूज टीवी’ पर बोलते हुए युसूफ ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान में शांति चाहता है और अमेरिकी सैनिकों की जल्द वापसी अच्छा विचार नहीं है.


उन्होंने कहा, ''अमेरिका ने हमे आश्वस्त किया था कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान से वापसी के मद्देनजर बलि का बकरा नहीं बनाया जाएगा लेकिन समय ही बताएगा (कि वे अपने शब्दों पर कायम रहते हैं) क्योंकि इतिहास दूसरी ओर संकेत कर रहा है.''


पूर्वानुमान लगाना जल्दबाजी


युसूफ ने ने कहा, ‘‘अब पूर्वानुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि वे (अपने) वादे पर कायम रहेंगे या नहीं.’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को राष्ट्रीय हितों से समझौता किए बिना अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंध कायम रखने की जरूरत है जो पाकिस्तान को क्षेत्रीय ताकत के रूप में देखता है.


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