WMO Report on Climate Change: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) ने कहा है कि पिछले आठ बर्ष (2015-2022) रिकॉर्ड में सबसे गर्म दर्ज किए जाने वाले है. इसके पीछे ग्रीनहाउस गैस (Greenhouse Gas) का एकत्र होना और ऊष्मा (Heat) का जमा हो जाना कारण है. 


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वैश्विक जलवायु संबंधी 2022 की रिपोर्ट में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने कहा है कि इस साल भीषण गर्मी, सूखे और विनाशकारी बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है, जिससे निपटने में अरबों की लागत आई है. वायुमंडलीय विज्ञान, जलवायु विज्ञान और जल विज्ञान पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी डब्ल्यूएमओ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के स्पष्ट संकेत और असर ज्यादा नाटकीय होते जा रहे हैं.


कितना बढ़ गया समुद्र का स्तर?


रिपोर्ट में कहा गया है कि 1993 के बाद से समुद्र के स्तर में वृद्धि की दर दोगुनी हो गई है. 2020 के बाद से यह करीब 10 एमएम (मिलीमीटर) के इजाफे के साथ इस साल नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. करीब 30 साल पहले सौटेलाइट के माध्यम से इसे मापना शुरू किया गया था, जिसके हिसाब से समुद्र स्तर में कुल वृद्धि का 10 फीसदी हिस्सा केवल पिछले ढाई साल का है.


इतने वर्षों से लगातार पिछल रही ग्रीनलैंड में बर्फ की चादर


रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में यूरोपीय एल्प्स में ग्लेशियरों पर असाधारण गंभीर असर हुआ, जिसके चलते उनके रिकॉर्ड स्तर पर बिखरकर पिघने के शुरुआती संकेत मिले. ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर लगातार 26वें वर्ष पिघली और सितंबर में पहली बार वहां बर्फबारी के बजाय बारिश हुई. 2022 में, वर्तमान में वैश्विक औसत तापमान लगभग 1.15 (1.02 से 1.28) डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक दुर्लभ ट्रिपल-डिप कूलिंग ला नीना (उष्णकटिबंधीय वर्षा पैटर्न में परिवर्तन) का अर्थ है 2022 पांचवां या छठां सबसे गर्म साल होने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग वास्तव में जारी है. 


10 वर्ष की अवधि का औसत तापमान


डब्ल्यूएमओ ने कहा, ''2013 से 2022 की 10 वर्ष की अवधि का औसत तापमान 1850-1900 पूर्व-औद्योगिक आधार रेखा से 1.14 (1.02 से 1.27) डिग्री सेल्सियस ऊपर होने का अनुमान है. यह जलवायु परिवर्तन संबंधी अंतर सरकारी पैनल की छठी आकलन रिपोर्ट के दिखाए गए 2011 से 2020 तक 1.09 डिग्री सेल्सियस के साथ तुलना करता है.'' नए आकलन के मुताबिक, 2021 में महासागर की गर्मी रिकॉर्ड स्तर पर थी, जो कि पिछले 20 वर्षों में विशेष रूप से गर्मी की दर थी.


डब्ल्यूएमओ के महासचिव ने बताया खतरा


डब्ल्यूएमओ के महासचिव प्रोफेसर पेट्टेरी तालास ने कहा, ''गर्मी जितनी ज्यादा होगी, असर उतना ही बुरा होगा. वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का इतना उच्च स्तर है कि पेरिस समझौते का निचला 1.5 डिग्री सेल्सियस मुश्किल से पहुंच के भीतर है. उन्होंने कहा, "कई ग्लेशियरों के लिए पहले ही बहुत देर हो चुकी है और हजारों नहीं तो सैकड़ों वर्षों तक उनका पिघलना जारी रहेगा. पिछले 30 वर्षों में समुद्र के स्तर में वृद्धि की दर दोगुनी हो गई है. हालांकि, हम अब भी इसे प्रति वर्ष मिलीमीटर में मापते हैं. यह हर सौ वर्ष में आधा से एक मीटर तक बढ़ जाता है और यह लाखों निचले राज्यों और तटीय निवासियों लिए एक दीर्घकालिक और बड़ा खतरा है."


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