Viral News: 31 साल पहले हुई थी महिला की मौत, हाथ पर बने खास टैटू की वजह से अब जाकर हुई पहचान
Woman With The Flower Tattoo: महिला की पहचान रीटा रॉबर्ट्स के रूप में हुई है. जिसका शव 3 जून 1992 को बेल्जियम की एक नदी में मिला था. हादसे के वक्त पीड़िता की उम्र करीब 31 वर्ष रही होगी.
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Viral News: बेल्जियम की एक नदी में 31 साल पहले मृत पाई गई महिला की अब जाकर पहचान हो सकी है. महिला की पहचान फ्रांस की पुलिस इंटरपोल ने एक खास टैटू की मदद से की है. महिला की पहचान रीटा रॉबर्ट्स के रूप में हुई है. जिसका शव 3 जून 1992 को बेल्जियम की एक नदी में मिला था. पुलिस के मुताबिक, जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि महिला की जब हत्या हुई होगी, तब उनकी उम्र करीब 31 वर्ष रही होगी.
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरपोल के आइडेंटिफाई मी वेब पेज पर एक अंतरराष्ट्रीय अपील किए जाने के बाद यह सफलता मिली है. इंटरपोल के अनुसार, इसकी मदद से हाल के दशकों में जर्मनी, बेल्जियम और नीदरलैंड में मृत पाई गईं 22 महिलाओं की पहचान की गई है.
बेरहमी से हुई थी हत्या
इंटरपोल ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि तीन दशकों तक गुमनाम रही पीड़िता को 3 जून 1992 को, बेल्जियम में एक नदी के पानी में पाया गया था. पुलिस के मुताबिक महिला के शव को देख लग रहा था कि उसकी बेरहमी से हत्या की गई थी. उनकी सबसे आकर्षक शारीरिक विशेषता एक फूल वाला टैटू था. जिसके नीचे 'R'Nick' लिखा हुआ था. जबकि उनके परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी.
IDENTIFIED: ‘The woman with the flower tattoo’ has been named as Rita Roberts after 31 years.
— INTERPOL (@INTERPOL_HQ) November 14, 2023
Find out how Operation #IdentifyMe gave a victim her name back, bringing closure to her family.https://t.co/3t5dCi6iyO pic.twitter.com/f2hakGfk1v
आइडेंटिफाई मी के जरिये हुई थी पहचान
रिपोर्ट के अनुसार, बेल्जियम के अधिकारियों को इस मामले में जांच के दौरान कुछ भी हाथ नहीं लगा. जिसके बाद उन्होंने आइडेंटिफाई मी को सौंप दिया. अधिकारियों को उम्मीद थी कि महिला के टैटू से किसी की याद ताजा हो जाएगी. ऐसे में ऑपरेशन आइडेंटिफाई मी के लॉन्च के कई दिनों बाद, यूनाइटेड किंगडम में एक परिवार के सदस्य ने विशेष टैटू की पहचान की, इसके बाद अधिकारियों को सूचित किया.
परिवार के सदस्य ने दावा किया कि पीड़िता फरवरी 1992 में कार्डिफ़ से एंटवर्प चली गई थी और मई 1992 में पोस्टकार्ड भेजने के बाद दोबारा उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया. रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की‘पहचान करने के बाद उसका परिवार जांचकर्ताओं से मिलने के लिए बेल्जियम गया है.
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