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Pakistan: पाकिस्तान में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ले रहीं ज्यादा तलाक, एक दशक में 58% बढ़े मामले
पाकिस्तान में अब महिलाएं खुला कानून के तहत तलाक ले रहीं हैं. इसका प्रमुख कारण पति और ससुराल पक्ष के तरफ से प्रताड़ित किये जाना है. एक सर्वे में यह बात सामने आई है .
![Pakistan: पाकिस्तान में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ले रहीं ज्यादा तलाक, एक दशक में 58% बढ़े मामले Women more divorces than men in Pakistan, cases increased by 58 PC in decade Pakistan: पाकिस्तान में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ले रहीं ज्यादा तलाक, एक दशक में 58% बढ़े मामले](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/20/85bd3b1e4baa02b96350cb559080ddf81663654483683398_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
प्रतीकात्मक तस्वीर
Female Divorce In Pakistan: पाकिस्तान में एक सर्वे से चौंकाने वाली बात सामने आई है. यहां अब पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा तलाक ले रही हैं. इसके पीछे खास वजह यह है कि महिलाएं अब ज्यादा सशक्त हो रही हैं. महिलाएं अब शादी के बाद अपना अपमान बर्दाश्त नहीं कर रही हैं.
पाकिस्तान में महिलाएं अपने तलाक की अर्जी नहीं लगा सकती है, लेकिन पति के बिना सहमति के बाद भी शरिया कानून के तहत वे शादी को तोड़ सकती हैं. इसे 'खुला' कहा जाता है. इसमें पारिवारिक न्यायालय द्वारा मध्यस्थता की जाती है.
पाकिस्तान में ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेंटर की वकील अतिका हसन रजा ने कहा कि पाकिस्तान में अब फैमिली कोर्ट की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिसमें फैमिली लॉ 'खुला' जैसे कानूनों पर विचार किया जा सके . इसके अलावा फैमिली लॉ के न्यायाधीशों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.रजा ने कहा कि महिलाएं अब खुला के तहत तलाक मांग रही हैं.
बढ़ाई जा रही है न्यायाधीशों की संख्या
पाकिस्तान में ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन सेंटर की वकील अतिका हसन रजा ने कहा कि पाकिस्तान में अब फैमिली कोर्ट की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिसमें फैमिली लॉ 'खुला' जैसे कानूनों पर विचार किया जा सके . इसके अलावा फैमिली लॉ के न्यायाधीशों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.रजा ने कहा कि महिलाएं अब खुला के तहत तलाक मांग रही हैं.
सर्वे में चौंकाने वाली बात सामने आई
पाकिस्तान में एक सर्वे के दौरान काफी चौंकाने वाली बात सामने आई है. इसमें पता चला कि पाकिस्तान में बीते एक दशक में 58% तलाक के मामले बढ़ गए हैं. सर्वे में यह भी बात सामने आई कि 5 महिलाओं में 2 का मानना है कि तलाक का मुख्य कारण ससुराल वालों के तरफ से प्रताड़ना , इसके अलावा पति का दुर्व्यवहार , मानसिक स्वास्थ्य भी जैसे और भी कारण है. यह सर्वे साल 2019 में गैलप और गिलानी के द्वारा किया गया था.
नहीं है कोई संवैधानिक एजेंसी
बहरहाल, पाकिस्तान में तलाक से संबंधित मामले की मॉनिटरिंग करने के लिए कोई कानूनी और संवैधानिक एजेंसी नहीं है. तलाक संबंधी नियम शरिया या इस्लामी कानून द्वारा तय किये जाते है.
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