IDMC Report: दुनिया में युद्ध, हिंसा और प्राकृतिक आपदाओं के चलते विगत वर्ष करोड़ों लोगों को बेघर होना पड़ा. विभिन्न देशों पर नजर रखने वाली आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (IDMC) रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में दुनियाभर में 7 करोड़ से ज्‍यादा लोग विस्थापित हुए. जिसमें अकेले भारत में मौसम से संबंधित आपदाओं ने 25 लाख लोगों को विस्‍थापित होने के लिए मजबूर किया. 


IDMC की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में रूस के युद्ध (Russia Ukraine War) के साथ-साथ बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ. जो कि एक वर्ष पहले की तुलना में 20% ज्‍यादा रहा. रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ के कारण पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील में विस्थापन रिकॉर्ड स्तर पर रहा. पाकिस्‍तान में लाखों लोगों की बसावट बाढ़ से प्रभावित हुई, पाक की इकोनॉमिक ग्रोथ भी रुक गई, आज पाकिस्‍तान दिवालिया होने के कगार पर खड़ा है. 




सूखे के कारण भी हालात खराब हुए 


नॉर्वेजियन शरणार्थी परिषद (एनआरसी) के आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (IDMC) ने बृहस्पतिवार, 11 मई को अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि अफ्रीका के सोमालिया, केन्या और इथियोपिया आदि देशों में सूखे के कारण हालात खराब हुए हैं. आपदाओं के कारण 2021 की तुलना में 2022 में विस्थापित लोगों की संख्या में 40% की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध, हिंसा और प्राकृतिक आपदा समेत विभिन्न कारणों से दुनियाभर में 7.1 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं.


अकेले यूक्रेन में 70 लाख से ज्यादा लोगों का विस्थापन


पिछले महीने यूक्रेनियन उप प्रधानमंत्री इरीना वीरेशचुक ने बताया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से चलते 7 मिलियन (70 लाख) यूक्रेनियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. उन्होंने कहा कि रूसी आक्रमणों के कारण लाखों लोगों को अपना देश छोड़कर भागना पड़ा. वहीं, एक सरकारी प्रेस सेवा ने कहा कि अगस्त 2022 से यूक्रेन के संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों से करीब 118,000 लोगों को निकाला गया है.


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