पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. आर्थिक तंगहाली के कारण उसे कई देशों से कर्ज मांगना पड़ रहा है. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान इस बात को अक्सर जनता के सामने रखते हैं. अब विश्व बैंक ने पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर (करीब 59.39 अरब भारतीय रुपये) का कर्ज देने का वादा किया है. यह कर्ज पाकिस्तान में दो परियोजनाओं के लिए दिए जा रहे हैं. ये परियोजनाएं हैं- किफायती और स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रम (Affordable and Clean Energy (PACE) ) और तेज विकास के लिए सुरक्षित मानव निवेश (Securing Human Investments to Foster Transformation) (SHIFT II).
पेस प्रोग्राम के टास्ट टीम लीडर रिकॉर्ड लिडल Rikard lide ने बताया कि विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने मंगलवार को पाकिस्तान में किफायती और स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रम Affordable and Clean Energy (PACE) और सुरक्षित मानव निवेश Securing Human Investments to Foster Transformation (SHIFT II) के लिए यह कर्ज मंजूर किया है. इनमें दोनों कार्यक्रमों के लिए 400-400 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया गया है.
कर्ज से बिजली क्षेत्र में सुधार होगा
रिकार्ड ने कहा है कि देश की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पाकिस्तान के पावर सेक्टर में सुधार होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में अगर कार्बन ऊर्जा में कमी लाई जाती है तो इससे पाकिस्तान के जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी. चूंकि पाकिस्तान में ऊर्जा का बड़ा स्रोत बाहर से लाना पड़ता है और एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव के कारण पाकिस्तान में इसकी बहुत कीमत चुकानी पड़ती है, इसलिए जब जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी तो बिजली की दरों में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बिजली वितरण व्यवस्था भी ठीक नहीं है. इस कर्ज से बिजली क्षेत्र में सुधार होगा. वहीं, उपभोक्ताओं को सब्सिडी का भी लाभ मिलेगा. इस कर्ज के जरिये पाकिस्तान निजी क्षेत्र की भागीदारी से बिजली उत्पादन में सुधार कर पाएगा. साथ ही वितरण भी ठीक हो पाएगा.
रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे
SHIFT II प्रोग्राम के लिए विश्व बैंक की टास्क टीम की लीडर तज़ीन फ़सीह ने कहा कि इस प्रोग्राम से स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा और गरीबों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे. साथ ही इस प्रोग्राम से समावेशी विकास को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे कोरोना संकट में उबरने में भी मदद मिलेगी. SHIFT II बाल सुधार, टीकाकरण और गुणवत्ता वाले प्राथमिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के स्थायी वित्तपोषण के लिए बजट प्रावधानों पर काम करता है. इस प्रोग्राम से कोविड के चलते स्कूल नहीं आ रहे बच्चों के विकास में भी मददगार साबित होगा. पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर नाजी बेन्हासिन ने कहा कि पेस और शिफ्ट को रेखांकित करने वाले सुधार स्थायी निवेश की सुविधा में योगदान कर सकते हैं. ये उन लोगों के लिए कल्याणकारी लाभ पैदा कर सकते हैं, जिनकी सबसे ज्यादा जरूरत है. गौरतलब है कि पाकिस्तान 1950 से वर्ल्ड बैंक का सदस्य है और तब से लेकर अब तक विश्व बैंक 40 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज दे चुका है.
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