Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से देश में अराजकता का माहौल है. हजारों लोग देश छोड़कर भागने को मजबूर हैं. इसी बीच वर्ल्ड बैंक ने भी बड़ा एक्शन लिया है. विश्व बैंक ने अफगानिस्तान को सहायता देने से मना कर दिया है. एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है.
अधिकारी ने कहा, 'हमने अफगानिस्तान में सहायता देने पर रोक लगा दी है और हम स्थिति की बारीकी से निगरानी और आंकलन कर रहे हैं.' बैंक की वेबसाइट के अनुसार, साल 2002 से अब तक अफगानिस्तान को 5.3 अरब डॉलर की सहायता राशि प्रदान की गई है. लेकिन अब स्थिति पहले जैसी नहीं रही है. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से देश में वित्तीय संकट काफी बढ़ गया है.
अफगानिस्तान को वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा चीन
चीन ने सोमवार को संकेत दिया कि वह तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान को वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा. तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद काबुल को विभिन्न देशों द्वारा वित्तीय मदद रोके जाने के बीच चीन ने कहा कि वह युद्धग्रस्त देश की मदद करने में ‘सकारात्मक भूमिका’ निभाएगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अफगान संकट के लिए मुख्य गुनहगार है और अमेरिका, अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए कुछ किए बिना ऐसे हाल में छोड़कर नहीं जा सकता.
अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक खबर में पिछले सप्ताह कहा गया था कि अफगानिस्तान में अभियान खत्म होने के बावजूद अफगान सेंट्रल बैंक से जुड़े अरबों डॉलर रकम पर अमेरिका का नियंत्रण है. जर्मनी ने भी कहा है कि तालिबान के सत्ता पर काबिज होने और शरिया कानून लागू किए जाने पर वह वित्तीय मदद नहीं देगा. यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा है कि जब तक अधिकारी हालात के बारे में स्पष्टीकरण नहीं देंगे अफगानिस्तान को भुगतान नहीं होगा.
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