नई दिल्ली/वॉशिंगटन: विश्वबैंक ने 'मानव पूंजी सूचकांक' की पहली रिपोर्ट को कल यानी बृहस्पतिवार को जारी किया. भारत के लिए ये रिपोर्ट चिंताजनक है क्योंकि रिपोर्ट में इसे 115वें नंबर पर रखा गया है. उससे भी चिंताजनक बात ये है कि नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे देश भी इस रिपोर्ट में भारत से आगे हैं. वहीं, अपनी अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा और ऐसी ही अन्य अच्छी बातों की वजह से सिंगापुर ने इस रिपोर्ट में पहला स्थान हासिल किया है.


पोल आधारित इस रिपोर्ट में सिंगापुर के बाद साउथ कोरिया, जापान, हांगकांग और फिनलैंड जैसे देशों का नाम शामिल है. इसमें बच्चों के जीवित रहने की संभावना, स्वास्थ्य और  शिक्षा जैसे पैमानों पर 157 देशों का आकलन किया गया है.


भारत ने विश्वबैंक की 'मानव पूंजी सूचकांक' की इस रिपोर्ट को बृहस्पतिवार को ही खारिज कर दिया. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस सूचकांक में भारत को मिला स्थान देश में मानव पूंजी के विकास के लिए उठाये गये प्रमुख मुहिमों को नहीं दिखाता है.


मंत्रालय ने बयान में समग्र शिक्षा अभियान, आयुष्मान भारत कार्यक्रम, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना आदि का जिक्र करते हुए कहा कि रिपोर्ट तैयार करने में इनपर गौर नहीं किया गया है.


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