फलस्तीनियों और इजराइल के बीच शुरू हुआ खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों तरफ से आक्रामक कार्रवाई जारी है जिसमें मासूम बच्चों समेत सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. दोनों पक्षों के बीच छिड़ा संघर्ष ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है और संयम बरतने की अपील की जा रही है. लेकिन इस बीच अलग-अलग देश कई खेमे में बंटते हुए नजर आ रहे हैं. लिहाजा, ये जानना जरूरी है कि कौन सा देश किसके पक्ष में खड़ा है.
अमेरिका समेत 25 देश फलस्तीन के खिलाफ
सबसे पहले बात अमेरिका की करें तो ये किसी से छिपा नहीं है कि उसकी निकटता इजराइल के साथ है. उसने फलस्तीनियों के रॉकेट हमले के खिलाफ इजराइल के आत्मरक्षा का समर्थन किया है. हालांकि राजनियक स्तर पर संघर्ष विराम की कवायद शुरू कर दी है और दोनों पक्षों के बीच विवाद के हल पर अपनी प्रतिबद्धता जताया है.
यूरोपीय देशों में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने इजराइल के साथ खड़े हैं. ब्रिटेन में इजराइल के हमलों का विरोध करने की मांग और प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने ट्वीट किया, "हमारे समाज में कट्टरता के लिए कोई जगह नहीं है. मैं ब्रिटेन के यहूदियों के साथ खड़ा हूं.” फ्रांस में भी फलस्तीनियों के समर्थन में मार्च का सरकार पर असर नहीं हुआ. विरोध प्रदर्शन पर पाबंदी के कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिला. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजराइल के आत्मरक्षा का बचाव किया. हालांकि, फ्रांस ने इजराइल और फलस्तीन दोनों ही पक्षों से शांति बरतने की अपील भी की है.
जर्मनी भी इजराइल के समर्थन में खड़ा हो गया. इजराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने समर्थन में आए ऑस्ट्रेलिया, अलबेनिया, ऑस्ट्रिया, ब्राज़ील, कनाडा, कोलंबिया, साइप्रस, जॉर्जिया, हंगरी, इटली, स्लोवेनिया और यूक्रेन समेत 25 देशों का धन्यवाद कहा. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने दोनों पक्षों से संयम बनाए रखने की अपील करते हुए इजराइल के आत्मरक्षा का बचाव किया लेकिन साथ ही फलस्तीनियों की सुरक्षा की भी चिंता जताई.
फलस्तीन के समर्थन में खुलकर इस्लामिक देश
दूसरी तरफ इस्लामिक देशों ने इजराइल की कार्रवाई पर सख्त एतराज जताया. सऊदी अरब, तुर्की, ईरान, पाकिस्तान, कुवैत और खाड़ी के कई देशों ने फलस्तीन का पक्ष लिया. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप्प अर्दोआन ने एक कदम आगे बढ़कर इजराइल को सख्त चेतावनी दी. उन्होंने कहा, "अगर पूरी दुनिया भी खामोश हो जाए तो भी तुर्की अपनी आवाज उठाता रहेगा." उन्होंने इजराइल पर प्रतिबंध लगाने तक की मांग की. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी फलस्तीनियों के साथ खड़ा होने की बात कही. उसने फलस्तीन में हर तरह के कब्जे को खत्म करने का समर्थन किया. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र और इस्लामिक देशों से इजराइल को फलस्तीन पर हमले करने से रोकने की मांग की. पाकिस्तान ने भी फलस्तीनियों पर हमले के खिलाफ इजराइल की खुलकर आलोचना की.
संघर्ष पर कुछ देशों ने बीच का अपनाया रास्ता
फलस्तीनियों और इजराइल के बीच जारी संघर्ष में कुछ ऐसे देश भी हैं जिन्होंने खुलकर अपनी राय नहीं रखी है बल्कि बीच का रास्ता अख्तियार किया है. भारत ने इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच किसी का न तो समर्थन किया और न ही पक्ष में आया है. दोनों देशों से अच्छे संबंध को देखते हुए उसने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की. किसी एक का पक्ष लेने के बजाए रूस ने हिंसा के चलते अपनी सुरक्षा की चिंता जताई है. रूस ने कहा कि दोनों देश के बीच संघर्ष के कारण उसकी सुरक्षा प्रभावित हो रही है. चीन ने इजराइल-फलस्तीनियों के बीच हो रहे संघर्ष की आड़ में अमेरिका को निशाने पर लिया.
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