WEF Meeting 2023: क्रिस्टल पुरस्कार के साथ दावोस में शुरू हुई विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक, भारत से ये लोग करेंगे शिरकत
WEF एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है. यह वैश्विक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों साथ लाता है.
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World Economic Forum Meeting at Davos: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम यानी विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक सोमवार देर रात (भारतीय समयानुसार) स्विटरजरलैंड के दावोस में शुरू हो गई. इस बैठक में भारत के लगभग सौ प्रतिभागियों सहित हजारों लोग शामिल हुए हैं. यह बैठक हफ्ते भर चलेगी. इस दौरान 'कोऑपरेशन इन ए फ्रैगमेंटेड वर्ल्ड' पर चर्चा की जाएगी.
दरअसल, इस बार मीटिंग की थीम 'कोऑपरेशन इन ए फ्रैगमेंटेड वर्ल्ड' ही रखी गई है. इस मीटिंग में यूक्रेन संकट, वैश्विक मुद्रास्फीति, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. भारत से कई बड़े नेता और उद्योगपति इसमें शामिल होंगे.
क्रिस्टल पुरस्कार समारोह के साथ शुरुआत
देर रात बैठक की शुरुआत क्रिस्टल पुरस्कार समारोह के साथ हुई. यह पुरस्कार प्रमुख कलाकारों को उनकी उपलब्धियों के लिए दिया जाता है, जो समाज के सभी नेताओं को जोड़ने का काम करते हैं और लोगों के लिए रोल मॉडल हैं. इस क्रम में माया लिन, अमेरिकी थिएटर कलाकार रेनी फ्लेमिंग, अभिनेता इदरिस एल्बा और सबरीना धोवरे एल्बा को इस पुरस्कार से नवाजा गया. इसके बाद 'आई सी यू' संगीत कार्यक्रम आयोजित हुआ.
विश्व आर्थिक मंच क्या है?
WEF एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है. यह संगठन जो वैश्विक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को एक साथ लाने पर केंद्रित है. इसकी स्थापना वर्ष 1971 में स्विस-जर्मन अर्थशास्त्री और प्रोफेसर क्लॉस श्वाब ने दबाव वाली समस्याओं पर वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की थी. WEF की पहली बैठक दावोस में पांच दशक से अधिक समय पहले आयोजित की गई थी, तभी से इसकी बैठक दावोस में ही होती है. हालांकि, 9/11 हमले के बाद एकजुटता दिखाने के मकसद से वर्ष 2002 में इसकी बैठक न्यूयॉर्क में आयोजित हुई थी.
दावोस में वास्तव में क्या होता है?
आमतौर पर दावोस वैश्विक व्यापार अधिकारियों और नीति निर्माताओं को आकर्षित करता है. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष नेता, व्यापारिक नेता और उद्यमी, शिक्षाविद, गैर सरकारी संगठनों के अलावा दुनिया के दूसरे देश के बड़े नेता और उद्योगपति भी शामिल होते हैं. इसमें अलग-अलग मुद्दों पर कई बैठकें और चर्चाएं होती हैं. इसमें वैश्विक समस्या पर भी चर्चा होती है. जैसे 2019 में जलवायु परिवर्तन पर खास चर्चा हुई थी.
दावोस 2023: इस साल के एजेंडे में क्या है?
दावोस में इस साल की वार्षिक बैठक 16-20 जनवरी तक चलेगी. इस बार की थीम या एजेंडा 'कोऑपरेशन इन ए फ्रैगमेंटेड वर्ल्ड' रखा गया है. इसमें 5 उप-विषय हैं, जिनमें ऊर्जा और खाद्य संकट, मुद्रास्फीति, नवाचार के लिए प्रौद्योगिकी, सामाजिक भेद्यता और भू-राजनीतिक जोखिम शामिल हैं. इस बार संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज कुछ प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं, जो करीब 400 सरकारी मंत्रियों और नीति निर्माताओं, 600 सीईओ और ब्रिटेन के अभिनेता इदरिस एल्बा सहित अन्य लोगों संग चर्चा करेंगे.
भारत से ये लोग होंगे शामिल
इस बैठक में भारत से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मनसुख मांडविया, स्मृति ईरानी और आरके सिंह शामिल होंगे. इसके अलावा एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत भारत से कई अधिकारी और कारोबारी भी शामिल हो सकते हैं. पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और कर्नाटक के सीएम बीएस बोम्मई का भी नाम था, लेकिन इन दोनों के आने की संभावना बहुत कम है. आप नेता राघव चड्ढा, तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव और तमिलनाडु के मंत्री थंगम थेनारासु भी यहां आ सकते हैं. भारतीय बिजनेसमैन में गौतम अडानी, संजीव बजाज, कुमार मंगलम बिड़ला, एन चंद्रशेखरन, नादिर गोदरेज, अजीत गुलाबचंद, सज्जन जिंदल, सुनील मित्तल, रोशनी नादर मल्होत्रा, नंदन नीलेकणि, अदार पूनावाला, ऋषद प्रेमजी और सुमंत सिन्हा भी शामिल हो सकते हैं.
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