Covid-19 Case Triples Across Europe: विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यूएचओ (World Health Organisation) ने 19 जुलाई को कहा कि पिछले छह हफ्तों में पूरे यूरोप (Europe ) में कोरोनो वायरस के मामले बढ़कर तीन गुना हो गए हैं, जो वैश्विक स्तर (Globally) पर सभी संक्रमणों का लगभग आधा है. अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर भी दोगुनी हो गई है, हालांकि ये राहत की बात है कि यह मरीज इंटेंसिव केयर (Intensive Care ) यूनिट में नहीं है. डब्ल्यूएचओ (WHO) यूरोप के निदेशक डॉ. हंस क्लूज ( Dr. Hans Kluge) ने कोविड-19 (Covid-19) को "एक भयानक और संभावित घातक बीमारी" बताया है. उन्होंने लोगों को इस बीमारी को हल्के में न लेने को कहा है.
यूरोप में बढ़ रहे कोविड के मरीज
डब्ल्यूएचओ (WHO) यूरोप के निदेशक डॉ. हंस क्लूज ( Dr. Hans Kluge) ने यूरोप को लोगों को कोविड बीमारी को लेकर सलाह दी है. उन्होंने कहा कि लोगों को इस बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए. डॉ. क्लूज ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के सुपर-संक्रामक रिश्तेदार पूरे महाद्वीप में बीमारी की नई लहर चला ला रहे हैं. इस तरह से बार-बार संक्रमण संभावित तौर पर से लंबे वक्त तक कोविड की वजह बन सकता है. उन्होंने कहा, "बढ़ते मामलों के साथ हम अस्पताल में लोगों के भर्ती होने की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी देख रहे हैं. आशंका है कि इन मामलों में पतझड़ (Autumn) और जाड़ों के मौसम में और बढ़ोतरी होगी. कोविड को लेकर ये पूर्वानुमान देश के हेल्थ वर्कर्स के लिए बड़ी चुनौती पेश करेंगे, जो पहले से ही 2020 के कोविड महामारी से निपटने की वजह से पहले ही दबाव में हैं.
अखबारों ने भी जताई चिंता
इस हफ्ते की शुरुआत में, दो ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के संपादकों ने कहा था कि देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (National Health Service ) कभी भी इतनी कमजोर नहीं पड़ी है, जितनी कोविड की महामारी की वजह से पड़ गई है. बीएमजे (BMJ) के कामरान अब्बासी(Kamran Abbasi) और हेल्थ सर्विस जर्नल के एलेस्टेयर मैकलेलन (Alastair McLellan ) ने एक संयुक्त संपादकीय में लिखा है कि यूके (UK) सरकार कोविड-19 के बिगड़ते हालातों की वजह से लगातार आ रही परेशानियों को दूर करने में नाकामयाब रही है. हालात यहां तक खराब रहे हैं कि अस्पतालों के बाहर लगी एम्बुलेंस की कतारें भी नए मरीजों के लिए नाकाफी रहीं. अखबारों ने सरकार के इस दावे को भी सिरे से नकार दिया कि वैक्सीनेशन की वजह से अस्पतालों में भर्ती के लिए मरीज कम आए. हालांकि उन्होंने ये माना कि वैक्सीन की वजह से इस गंभीर बीमारी और मरने वालों की संख्या में कमी आई है. अखबारों के संपादको ने लिखा, "सरकार को जनता को गैसलाइट( Gaslighting) करना बंद कर देना चाहिए. उसे महामारी के खतरे के लिए ईमानदार होना चाहिए जो अभी भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा पर मंडरा रहा है."
यूरोप के लिए डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन
डब्ल्यूएचओ (WHO) बीते मंगलवार को कोविड -19 के लिए पतझड़ के मौसम को देखते हुए गाईडलाइन्स जारी की हैं. इसके तहत संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की स्वास्थ्य एजेंसी ने कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले पांच साल या उससे अधिक उम्र वालों को दूसरी बूस्टर खुराक देने को कहा है. इसके साथ ही घरों, स्कूलों, ऑफिसों सहित पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बेहतर वेंटिलेशन मुहैया कराने को कहा है.. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दक्षिणी गोलार्ध (Southern Hemisphere) के देशों में वर्तमान में एक बहुत ही सक्रिय फ्लू के मौसम का सामना कर रहे हैं. ये कोविड के साथ ही हेत्थ सिस्टम पर भार बढ़ा रहा है. डब्ल्यूएचओ (WHO) यूरोप के निदेशक डॉ. हंस क्लूज ( Dr. Hans Kluge) ने चेताया है कि उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में भी इस तरह की स्थितियां पैदा हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के बढ़ते दबाव से व्यापार, यात्रा और स्कूल जैसे क्षेत्रों में अराजकता फैल सकती है. उन्होंने यूरोपवासियों से अपील की है कि वो कोरोना को लेकर खुद सचेत रहें, खासकर ऐसे देशों के लोग जहां कोरोना वायरस को लेकर प्रतिबंध हटा लिए गए हैं.
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