(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
World in 2050: तीसरे नंबर पर खिसकने के बाद भी भारत तीन गुना और चीन से आठ गुना होगी US की ताकत
रिपोर्ट का अनुमान है कि भले भारत और चीन की जीडीपी में बड़ा बदलाव देखने को मिले, लेकिन पर कैपिटा जीडीपी अमेरिका की ज्यादा होगी.
भारत की अर्थव्यवस्था जिस तेजी से आगे बढ़ रही है, उसकी तारीफ इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF), संयुक्त राष्ट्र और रेटिंग एजेंसी (Crisil) जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी कर रही हैं. देश के जीडीपी ग्रोथ रेट को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का अनुमान है कि 2050 में भारत दुनिया पर राज करेगा. भारत के साथ चीन और अमेरिका भी होंगे और ये तीनों दुनिया की तीन सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेंगे.
एक तरफ चीन और भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी तो दूसरी तरफ अमेरिका की अर्थव्यवस्था में कमी देखने को मिलेगी और यह पहले से तीसरे नंबर खिसक जाएगा. कारनिगे इंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अनुसार अमेरिका का विश्व की सबसे बड़ी सुपरपावर होने का ताज 2032 में ही चीन ले लेगा. करीब एक सदी तक पहले नंबर पर रहने के बाद वह नीचे आ जाएगा. कारनिगे का यह भी कहना है कि भले भारत और चीन अमेरिका से आगे निकल जाएं, लेकिन उसकी ताकत दोनों देशों की तुलना से कई गुनाया ज्यादा रहेगी.
दुनिया का लीडर बना रहेगा अमेरिका
कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2050 तक भारत की इकोनॉमी 52.5 ट्रिलियन डॉलर, चीन के पास 57.5 ट्रिलियन डॉलर और अमेरिका के पास 51.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी. जीडीपी में इतने बड़े बदलाव के बाद भी अमेरिका की ताकत चीन और भारत से कई गुना ज्यादा होगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिक की पर कैपिटा जीडीपी भारत से आठ गुना और चीन से तीन गुना ज्यादा होगी. अमेरिका को तकनीकी क्षेत्र का लाभ मिलेगा, जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़े लीडर के तौर पर उसकी पॉजीशन बरकरार रहेगी.
G-20 देशों की कुल जीडीपी से भी ज्यादा भारत, चीन और अमेरिका के पास होगी
रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक भारत, चीन और अमेरिका की जीडीपी इतनी ज्यादा होगी कि बाकी G-20 देशों की जीडीपी भी मिला दी जाए तो भी कई गुना का अंतर होगा. तीनों देशों की जीडीपी का कुल आंकड़ा बाकी G-20 देशों की कुल जीडीपी से 70 फीसदी ज्यादा होागा.
सबसे ज्यादा तेजी से विकास करेगा भारत
एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि चीन की 5.6 फीसदी सालाना वृद्धि दर और उसकी करेंसी में मजबूती की वजह से वह अगले छह सालों में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा. चीनी मुद्रा रेमिनी में डॉलर के मुकाबले हर साल 1 फीसदी की दर से एक्सचेंज रेट बढ़ेगा. इन बदलावों के साथ चीन 46.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जो 2009 में 3.3 ट्रिलियन डॉलर थी. Goldman Sachs ने 2050 तक चीन के पास 57 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होने का अनुमान लगाया है. वहीं, भारत की जीडीपी में 5.9 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि G-20 देशों में सबसे तेजी से भारत की जीडीपी में विकास होगा.
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