Highets GDP Muslim Countries in 2075: दुनिया के तीन मुस्लिम देश आज सिर से लेकर पैर तक कर्ज में डूबे हैं, लेकिन आने वाले समय में ये इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे कि जापान, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे बड़े देशों को भी पीछे छोड़ देंगे. Goldman Sachs ने अनुमान लगाया है कि साल 2050 से 2075 के बीच 25 सालों में इकोनॉमी में विश्वस्तर पर बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. जो देश आज टॉप 10, 15, 20 में भी नजर नहीं आते हैं वो एक दिन दुनिया पर राज करेंगे. 


पाकिस्तान का हाल किसी से नहीं छिपा है. वह जिस आर्थिक तंगी से गुजर रहा है उसकी खबर पूरी दुनिया को है. अगर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF), सऊदी अरब और चीन मदद के लिए आगे नहीं आते तो उसका बैंकरप्ट होना निश्चित था. उधर, मिस्त्र भी खस्ताहाली के दौर से गुजर रहा है. उसके सामने आर्थिक तौर पर कई चुनौतियां हैं, जिनसे उबरने के लिए उसे हाल में कई बड़े कदम उठाने पड़े हैं. आर्थिक तंगी से उबरने के लिए उसने सउदी अरब को अपना सबसे खूबसूरत शहर रास अल हेकमा 35 अरब डॉलर में बेच दिया. वहीं, नाइजीरिया पर भी 100 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज है.


2075 में कितनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा नाइजीरिया?
Goldman Sachs ने भविष्यवाणी की है कि साल 2075 तक पाकिस्तान, मिस्त्र और नाइजीरि दुनिया की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएंगे. इनमें सबसे आगे नाइजीरिया होगा, जिसके पास 13.1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी. एनर्जी, टेक्नोलॉजी, कृषि और इसकी बड़ी युवा आबादी इसे पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सबसे ज्यादा मदद करेंगे.


अभी इस रैंक पर भारत है और जर्मनी तीसरे नंबर पर है, लेकिन 2050 तक भारत दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और जर्मनी पांचवें नंबर पर आ जाएगा. 2075 तक नाइजीरिया जर्मनी की जगह ले लेगा और जर्मनी खिसक कर नौंवे स्थान पर आ जाएगा. हालांकि, नाइजीरिया अभी 477 बिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 31वें नंबर पर है और 2050 में यह 15वीं रैंक पर आ जाएगा.


2075 में कितनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान इस समय जिस आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में यह सोच पाना कि वह दुनिया की टॉप इकोनॉमी में शामिल हो जाएगा, थोड़ा मुश्किल लगता है. हालांकि, एक्सर्ट्स का ऐसा मानना है कि यहां का यूथ, विनिर्माण में संभावनाएं और रणनीतिक भौगलिक स्थिति इसे दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण साबित होंगे.


2075 में इसके पास 12.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी. 2022 के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान के पास अभी 377 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है और यह 41वें नंबर पर है, लेकिन 2075 में पाकिस्तान जापान के सिर से छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का ताज छीन लेगा. हालांकि, अभी यूके छठे नंबर पर है, लेकिन 2050 में यहां जापान होगा और 2075 में यह छठे नंबर से खिसक कर 12वें पर आ जाएगा. वर्तमान में जापान चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.


2075 में कितनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा मिस्त्र?
वर्तमान में मिस्त्र 477 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साथ 32वें नंबर पर है, लेकिन रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि यह दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. 2075 में मिस्त्र के पास 10.4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी. अगर 2050 का आंकड़ा देखें तो मिस्त्र 32वें नंबर से 12वें स्थान पर आ जाएगा.


फिलहाल फ्रांस दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन 2050 में यह खिसककर नौवें नंबर पर चला जाएगा और इसकी जगह यूनाइटेड किंगडम आ जाएगा. 2075 में यह 15वें स्थान पर पहुंच जाएगा और मिस्त्र यूनाइटेड किंगडम को हटाकर खुद सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. यूके 2075 में 10वें नंबर पर होगा.


नाइजीरिया, पाकिस्तान और मिस्त्र पर कितना कर्ज?
इस साल फरवरी में मिस्त्र पर बाहरी कर्ज बढ़कर 164.7 बिलियन डॉलर हो गया है. आईएमएफ ने फरवरी में मिस्त्र को 3 बिलियन डॉलर की मदद की थी. वहीं, पाकिस्तान पर बाहरी कर्ज 2011 की तुलना में दोगुना हो गया है. 2011 में उस पर 66.4 बिलियन डॉलर का लोन था, जो 2023 में बढ़कर 125 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. पिछले साल सितंबर तक नाइजीरिया पर 108.3 बिलियन डॉलर का कर्ज हो गया था. पाकिस्तान के लिए हाल ही में आईएमएफ ने 1.1 बिलियन डॉलर की तत्काल मदद पर मंजूरी दे दी है और 3 बिलियन डॉलर आर्थिक मदद की जाएगी. उधर, सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान के बैंक में कर्ज के तौर पर जमा अपनी मौजूदा राशि को बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर कर दी है. 


यूके, जापान और जर्मनी के पास होगी कितनी अर्थव्यवस्था?
साल 2075 तक यूके, जापान और जर्मनी की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा और ये बड़े देश लिस्ट में काफी नीचे आ जाएंगे. Goldman Sachs का अनुमान है कि 2075 में जापान के पास 7.6 ट्रिलियन डॉलर, यूके के पास  7.5 ट्रिलियन डॉलर और जर्मनी के पास 8.1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी.


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