World Largest Graveyard Wadi Al-Salam: इराक के नजफ शहर स्थित वादी अल-सलाम कब्रिस्तान को दुनिया की सबसे बड़ी कब्रगाह कहा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 917 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले कब्रिस्तान में पैगम्बरों, राजाओं और वैज्ञानिकों समेत छह मिलियन (60 लाख) से ज्यादा शव दफन हैं. इतनी बड़ी जगह 1,700 फुटबॉल मैदानों के बराबर होती है.


एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनेस्को के अनुसार कब्रिस्तान में 1,400 वर्षों से ज्यादा समय से शव दफन किए जा रहे हैं. वादी अल-सलाम का अंग्रेजी में अर्थ वैली ऑफ पीस (शांति की घाटी) होता है, जो नजफ शहर के कुल क्षेत्रफल का 13 फीसदी हिस्सा है. इस कब्रिस्तान में दफनाए प्रियजनों को श्रद्धांजलि देने के लिए दुनियाभर से मुसलमान पहुंचते हैं.


कब्रिस्तान में राजाओं, नेताओं, सुल्तानों और राजकुमारों के शव हैं दफन


यूनेस्को की वेबसाइट के मुताबिक, यह कब्रिस्तान एक अनूठे या आखिरकार सांस्कृतिक परंपरा के एक असाधारण उदाहरण का गवाह है. यूनेस्को के मुताबिक, मध्य युग से ही कब्रिस्तान में शव दफनाए जाते रहे हैं. कथित तौर पर कब्रिस्तान में निचली कब्रों और ऊपरी कब्रों जैसे विभिन्न प्रकार के स्थान शामिल हैं.


यूनेस्को के मुताबिक, कब्रिस्तान में दफनाए गए उल्लेखनीय लोगों में अल-हिरा के राजाओं और अल-सासानी युग (637-226) के नेताओं के नाम शामिल हैं. इसके अलावा, हमदानिया, फातिमिया, अल-बुवैहिया, सफावेइया, कजर और जलैरियाह राज्य के सुल्तानों और राजकुमारों को भी कब्रिस्तान में दफनाया गया था.


मुसलमानों के लिए क्यों अहम है वादी अल-सलाम कब्रिस्तान?


इमाम अली इब्न अबी तालिब की दरगाह भी यहीं है. वादी अल-सलाम को लेकर कहा जाता है मुसलमान इस जगह का सम्मान करते हैं, यह उनकी धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा है. साइट की सुरक्षा के लिए जमीन से संबंधित 1966 का एक विशेष कानून सामान्य बंदोबस्ती अधिनियम नंबर 64 (जिसे संशोधित किया गया था) है और 1999 का कानून नंबर 40 है. 


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