Shangri-La Dialogue conclave: दुनिया की प्रमुख खुफिया एजेंसियों के लगभग दो दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सप्ताह के अंत में सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग सुरक्षा बैठक के दौरान एक गुप्त बैठक की है. इस बैठक से जुड़े पांच लोगों ने जानकारी दी है. इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका, चीन,  ब्रिटेन जापान, कनाडा, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया 49 देशों के अधिकारियों ने भाग लिया. इस बैठक में कुल 600 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया.


खुफिया एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की बैठक सिंगापुर सरकार के तरफ से आयोजित की जाती हैं. कई सालों से सुरक्षा शिखर सम्मेलन का आयोजन दुनिया के अलग-अलग जगहों पर आयोजित की जाती है. हालांकि, इस बार बैठक को लेकर सूचना पहले नहीं दी गई थी.

 

अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर बेस्ड था

अमेरिका का प्रतिनिधित्व उनके देश के खुफिया समुदाय के प्रमुख राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हैन्स ने किया था. एक भारतीय सूत्र ने कहा कि भारत की विदेशी खुफिया जानकारी कलेक्ट करने वाली एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख सामंत गोयल ने भी भाग लिया. अधिकारी ने कहा कि बैठक अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर बेस्ड था. ये समारोह का मकसद था आपसी देशों के बीच गहरी समझ को बनाना और एक-दूसरे को खुफिया के क्षेत्र में बढ़ावा देना.

 

खुफिया एजेंसियों के बीच कोड के तहत बातचीत होती है. अगर किसी कूटनीति मुद्दे पर बात विचार करना मुश्किल हो जाता है तो खुफिया एजेंसियां उस वक्त काम आती है. खुफिया बैठक में शामिल लोगों ने अपने नाम को सार्वजनिक करने से मना कर दिया.

 

सिंगापुर में शांगरी-ला वार्ता

सिंगापुर रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि शांगरी-ला वार्ता में भाग लेने के दौरान खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित प्रतिभागियों को भी अपने समकक्षों से मिलने का अवसर मिलता है. सिंगापुर रक्षा मंत्रालय इनमें से कुछ द्विपक्षीय या बहुपक्षीय बैठकों की सुविधा देता है. खुफिया बैठक में शामिल प्रतिभागियों ने इस तरह की बैठकों को लाभकारी बताया है.

 

सिंगापुर में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि उसे बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि चीनी और भारतीय सरकार ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया. इस बैठक रूस के कोई भी अधिकारी शामिल नहीं हुए. यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री, वलोडिम्र वी. हैवरीलोव शांगरी-ला वार्ता में शामिल थे.