(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
वेनेजुएला के कोर्ट ने विपक्षी नेताओं को जारी किया गिरफ्तारी वारंट, देशद्रोह का लगा आरोप!
Venezuela News: विपक्षी नेताओं पर देशद्रोह, मनी लॉन्ड्रिंग और सार्वजनिक अधिकारियों का चरित्र हनन करने का आरोप लगा है.
Venezuela News: वेनेजुएला की एक कोर्ट ने तीन विपक्षी नेताओं को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इन तीनों नेताओं ने सार्वजनिक रूप से देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो सरकार की निंदा की थी. इन तीनों पर देशद्रोह, मनी लॉन्ड्रिंग और सार्वजनिक अधिकारियों का चरित्र हनन करने का आरोप लगा है.
कोर्ट ने ये वारंट पिछले हफ्ते जारी किया है, इन तीनों नेताओं में विपक्ष के अध्यक्ष दीनोरा फिगुएरा और दो उपाध्यक्ष, ऑरिस्टेला वास्केज़ और मारियानाला फर्नांडीज शामिल हैं. तीनों ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो सरकार को मानने से इनकार कर दिया था. यह तीनों विपक्षी नेता राष्ट्रपति मादुरो और उनके समर्थकों के उत्पीड़न से बचने के लिए विदेश में रह रहे हैं.
वेनेजुएला ने इंटरपोल से मागीं मदद
वेनेजुएला के अटॉर्नी जनरल तारेक साब ने सोमवार बताया कि निकोलस मादुरो की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) से तीनों लेजिस्लेचर को पकड़ने में मदद मांगी है. तारेक साब ने कहा, "ये तीन नेता विदेश में रहते हैं, जिसमें से दो स्पेन में और एक अमेरिका में. हम यह देखेंगे कि इन देशों की सरकारें हमारे अनुरोध पर क्या कदम उठाती है."
मादुरो सरकार के खिलाफ 2019 से विरोध शुरू
मादुरो सरकार के खिलाफ साल 2019 से विरोध शुरू हुआ था, जब 2018 के चुनाव में बैलेट बॉक्स में मादुरो को चुनौती देने से कई विरोधी नेताओं पर प्रतिबंध लगा दिया था. वेनेजुएला का यह चुनाव काफी विवादित रहा था. दरअसल, निकोलस मादुरो वेनेजुएला के दूसरी बार राष्ट्रपति बने हैं, यहां राष्ट्रपति का कार्यकाल छह साल के लिए होता है. वेनेजुएला के नेशनल असेंबली ने कहा कि वह अब मादुरो को राष्ट्रपति के रूप में मान्यता नहीं देगी. इसके बाद नेशनल असेंबली ने जुआन गुएदो को वेनेजुएला के "अंतरिम राष्ट्रपति" के रूप में नियुक्त कर दिया था.
नेशनल असेंबली के इस फैसले ने एक अंतरराष्ट्रीय संकट को जन्म दे दिया, क्योंकि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने मादुरो की बजाए जुआन गुआदो की सरकार को स्वीकार किया. लेकिन इल बीच मादुरो ने तुरंत जुआन गुआदो के नेतृत्व को अस्वीकार करते हुए निंदा करने लगे. इसके बाद से ही नाटकीय ढंग से निकोलस मादुरो वेनेजुएला के राष्ट्रपति बने. अब दएश की नेशनल असेंबली से मादुरो का समर्थन प्राप्त है.
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