World Obesity Day 2023: विश्व मोटापा दिवस खतरों के प्रति करता है आगाह, खान-पान को लेकर ऐसे रहें सतर्क
World Obesity Day: वर्ल्ड ओबेसिटी डे (World Obesity Day) लोगों को सही वजन हासिल करने और उसे मेंटेन रखने को लेकर जागरूक बनाता है. शरीर में फैट बढ़ने की वजह से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं.
World Obesity Day 2023 Today: दुनियाभर में मोटापे की समस्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. हर साल 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का खास मकसद उस जीवन शैली को प्रोत्साहित करना है, जिससे वजन बढ़ने की समस्या को कम कर बीमारियों से बचा जा सके. लोगों को अपना वजन (Weight) संतुलित रखने और मोटापे (Obesity) से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया जाता रहा है.
हाल के दशकों में लोगों के खान-पान में काफी बदलाव आया है, जिसकी वजह से लोगों का शारीरिक संतुलन बिगड़ा है. वजन बढ़ने से कई समस्याएं शरीर के अंगों को प्रभावित करती है.
वर्ल्ड ओबेसिटी डे 2023 की थीम
पूरी तरह से मोटापे को लेकर समर्पित वैश्विक संगठन वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के मुताबिक 'वर्ल्ड ओबेसिटी डे 2023' की थीम 'चेंजिंग पर्सपेक्टिव्स: लेट्स टॉक अबाउट ओबेसिटी' है. इस साल का विषय मोटापे पर दृष्टिकोण बदलने के मकसद के साथ दिया गया. इसमें गलत धारणाओं को सुधारने के साथ ही लोगों को वजन कम करने को लेकर निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना है.
पहली बार कब मनाया गया मोटापा दिवस?
वर्ल्ड ओबेसिटी डे लोगों को सही वजन हासिल करने और उसे मेंटेन रखने को लेकर जागरूक बनाता है. यह दिन पहली बार 2015 में एक वार्षिक अभियान के रूप में व्यावहारिक कार्यों को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य के साथ मनाया गया था. 2015 में वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की पहल पर इस दिवस की शुरुआत हुई थी ताकि वैश्विक मोटापे के संकट से लोगों को बचाया जा सके.
क्या है मोटापा?
इंसान के शरीर में जब फैट की मात्रा बढ़ती है तो अतिरिक्त वजन गेन होता है. इसे ही मोटापे के रूप में वर्णित किया जाता है. वसा बढ़ने की वजह से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 25 या उससे ज्यादा का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वजन बढ़ने का संकेत करती है. 30 या उससे अधिक BMI वाले लोग मोटापे का शिकार माने जाते हैं.
मोटापा वैश्विक खतरा कैसे?
इंसान मोटापे का शिकार तब होता है, जब कैलोरी लेने और उसके खर्च में असंतुलन होता है. हाल के दशकों में वैश्विक आहार में काफी बदलाव आया है. खान-पान का तरीका बदला है. अधिक फैट वाले खाद्य पदार्थों की खपत में इजाफा हुआ है. काम करने के तरीके में बदलाव आया है. ट्रांसपोर्ट की पहुंच काफी बढ़ी है. इससे लोगों की शारीरिक गतिविधियां कम हुई हैं. मोटापे की वजह से हर साल लाखों लोग मर रहे हैं. ये अक्सर देखा गया है कि अधिकांश अधिक वजन वाले या मोटे बच्चे विकासशील देशों में हैं.
12 सालों में आधी आबादी होगी मोटापे का शिकार
मोटापे को लेकर समस्या और बढ़ने वाली है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के 2023 एटलस ने आशंका जताई है कि अगले 12 सालों के अंदर दुनिया के 51 फीसदी या 4 बिलियन से अधिक लोग मोटापे का शिकार होंगे. रिपोर्ट में पाया गया कि बच्चों और कम आय वाले देशों में मोटापे की समस्या खास तौर से तेजी से बढ़ रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2035 तक आधी से अधिक दुनिया के लोग वजन बढ़ने या मोटापे से ग्रस्त होंगे.
मोटापे से जोखिम और बचने के उपाय
इंसान जब मोटापे का शिकार हो जाता है तो वो कई बीमारियों से घिर जाता है. इससे हार्ट अटैक का खतरा और डायबिटीज की समस्या बढ़ जाती है. डायबिटीज से अंधापन होने का भी खतरा है, साथ ही किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है. मोटापे को लिवर, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, ओवेरियन, गॉल ब्लैडर, किडनी और कोलन जैसे कैंसर से भी जोड़कर देखा जाता है.
खान पान में संतुलन जरूरी है. अधिक फैटी भोजन से बचना चाहिए. डॉक्टर और एक्सपर्ट यह दावा करते रहे हैं कि संतुलित आहार लेने, शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने, नियमित व्यायाम करने से मोटापे के जोखिम को कम किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें:
World Obesity Day: सिर्फ बड़े ही नहीं, लाडले को मोटापा हुआ तो हो सकती हैं ये गंभीर बीमारी