World Population 2023: भारत अब दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख हो गई है. जबकि, सदियों से इस मामले में पहले नंबर पर रहे चीन की आबादी अब हमसे 29 लाख कम, यानी 142 करोड़ 57 लाख है.
वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (WPP) के मुताबिक, भारत में अब दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा युवा हैं. बुधवार (19 अप्रैल) को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की जनसंख्या की औसत आयु 28.2 वर्ष है, इसका मतलब है कि भारतीय जनसंख्या की औसत उम्र चीन की जनसंख्या से औसत में 10 वर्ष छोटी है. ये अच्छी बात है. यूएनएफपीए रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी लोगों की औसत आयु 39 वर्ष है. वैश्विक रैंकिंग के संदर्भ में, भारत और चीन उन 237 देशों में 94वें और 170वें सबसे युवा स्थान पर हैं.
एशिया महाद्वीप के लोगों की औसत आयु 31.9 वर्ष
बोर्ड-बेस्ड रीजनल एनालिसिस से पता चलता है कि एशिया 31.9 वर्ष की औसत आयु के साथ तीसरा सबसे युवा जियोग्राफिक ग्रुप है. वहीं, अफ्रीका केवल 18.8 वर्ष की औसत आयु के साथ सबसे युवा महाद्वीप (Youngest Continent) है और लैटिन अमेरिका 31 वर्ष की औसत आयु के साथ एशिया से मामूली अंतर से पीछे है. वहीं, उत्तरी अमेरिका और यूरोप महाद्वीप के लोगों की औसत आयु क्रमशः 38.4 वर्ष और 42.2 वर्ष है.
भारतीयों की औसत-आयु श्रीलंका की तुलना में कम
दक्षिण एशियाई क्षेत्र में जनसंख्या के आंकड़े का एनालिसिस करने पर पता चलता है कि भारत की औसत आयु श्रीलंका (32.99 वर्ष) की तुलना में काफी कम है, जबकि यह पाकिस्तान (20.62 वर्ष), नेपाल (24.41 वर्ष) और बांग्लादेश (27.06 वर्ष) से अधिक है. वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (WPP) से औसत आयु के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि भारत की औसत आयु 1968 (18.23 वर्ष) में सबसे कम थी और तब से धीरे-धीरे बढ़ रही है. चीन के लिए, औसत आयु 1969 (17.96 वर्ष) में सबसे कम थी.
चीन से इस तरह आगे भी बेहतर स्थिति में रहेंगे हम
औसत आयु का ट्रेंड मोटे तौर पर जनसंख्या वृद्धि दर एक पैमाने के साथ भी मेल खाता है. 1965 में समाप्त हुए दशक से भारत की जनसंख्या का रोलिंग डेकाडल CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) कम होना शुरू हुआ. यह CAGR 1975 से 1986 तक कुछ समय के लिए बढ़ा, लेकिन उसके बाद हर साल लगातार घटता रहा. यह ट्रेंड वर्ष 2100 तक जारी रहने का अनुमान है क्योंकि भारत की जनसंख्या का यह रोलिंग CAGR पहले घटा है और आगे 2070 में नेगेटिवहोगा. वहीं, चीन का रोलिंग डेकाडल CAGR 1972 से लगातार घट रहा है और 2028 में, यानी कि केवल 5 वर्षों में नेगेटिव हो जाएगा.
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