Corona Effect: कोरोना महामारी का सबसे बुरा दौर अब चला गया है. अमेरिका में ‘व्हाइट हाउस कोरोना वायरस प्रतिक्रिया कॉडिनेटर’ डॉ. आशीष झा ने मंगलवार (8 नवंबर) को कहा, "कोविड-19 कुछ मायनों में हमेशा रहेगा लेकिन महामारी का सबसे बुरा दौर बिल्कुल खत्म हो चुका है".


‘20वें हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ को संबोधित करते हुए झा ने कहा, "टीकाकरण और पूर्व में संक्रमण की चपेट में आने के कारण आबादी में उच्च स्तर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को देखते हुए, भले ही हमें इस महामारी के खराब रूप का सामना करना पड़ जाए लेकिन इसका सबसे बुरा दौर गुजर चुका है."


बचाव रखना जरूरी
डॉ. आशीष झा ने कोविड को लेकर कहा, "कोविड खत्म नहीं हुआ है और कुछ मायनों में यह हमेशा हमारे साथ रहेगा और हमें बस इससे बचाव करना जारी रखना है". प्रतिरोधक क्षमता को मात देने वाले वायरस के और स्वरूप उभरने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "लेकिन अच्छी बात यह है कि जैसे-जैसे वायरस स्वरूप बदल रहा है वैसे ही मनुष्य भी खुद को बदल रहे हैं. हम टीकों को नए रुप में बदल सकते है और ऐसी जैसी चीजों को करने में सक्षम हैं और हम वायरस के साथ जीने में भी सक्षम हो गए हैं. हम इससे निपटने में खुद को असहाय नहीं पाते हैं".


अमेरिका में कोरोना का प्रभाव 
दुनियाभर में कोरोना के मामले को लेकर अगर बात की जाए तो अमेरिका की स्थित सबसे खराब रही है. वहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके है. 3 जनवरी 2020 से लेकर 8 नवंबर 2022 तक कोरोना के 9 करोड़ 64 लाख 74 हजार 411 केस सामने आ चुके है. वही 10 लाख 62 हजार 721 लोगों की मौत हो चुकी है.


दुनिया में कोरोना के अब तक कुल 62 करोड़ 99 लाख 78 हजार 289 केस सामने आ चुके है और 65 लाख 82 हजार 023 लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में भी कोरोना का प्रभाव बहुत ही जबरदस्त पड़ा है. 


डॉ. आशीष झा कब बने कोविड-19 के कॉडिनेटर
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर आशीष झा को व्हाइट हाउस का कोविड-19 'व्हाइट हाउस कोरोना वायरस प्रतिक्रिया कॉडिनेटर' के रूप में मार्च 2022 में चुना था. बिहार में जन्मे 51 वर्षीय झा ने प्रबंधन सलाहकार और राष्ट्रपति बराक ओबामा के पूर्व शीर्ष आर्थिक सलाहकार जेफ जेंट्स की जगह ली थी.


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