बीजिंग: चीन की संसद ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए महज़ दो कार्यकाल की अनिवार्यता को आज खत्म कर दिया. अब देश के मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए जिंदगी भर शीर्ष पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया है. चीनी संसद में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के करीब 3,000 सांसदों ने देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को महज़ दो कार्यकाल देने की अनिवार्यता खत्म करने के कानून पर मतदान किया.
गौरतलब है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष संगठन की सात सदस्यीय स्थाई समिति ने इस संशोधन को आम सहमति से पहले ही मंजूरी दे दी थी.
आपको बता दें कि एनपीसी को देश के ऐसे संसद के तौर पर देखा जाता रहा है, जिसके पास कोई अधिकार नहीं हैं और जो हमेशा सीपीसी के सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे देता है. ऐसे में इस संविधान संशोधन के भी संसद में बिना किसी रूकावट के पारित होने की उम्मीद पहले से ही जताई जा रही थी.
पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष माओ त्से तुंग के बाद पिछले दो दशक से पार्टी के नेता दो कार्यकाल की अनिवार्यता का पालन करते रहे हैं, ताकि तानाशाही से बचा जा सके और एक दलीय राजनीति वाले देश में सामूहिक नेतृत्व सुनिश्चित किया जा सके. लेकिन अब इस संशोधन के बाद चीन में एक बड़ा बदलाव कदम रखेगा.
संविधान संशोधन के बाद 64 साल के जिनपिंग के जीवन भर चीन का नेता बने रहने का रास्ता साफ हो गया है. माओ के बाद जिनपिंग को देश का सबसे मजबूत नेता माना जाता है, क्योंकि वह सीपीसी, सेना दोनों के प्रमुख और देश के राष्ट्रपति हैं.