Xi Jinping Nuclear War Plan: शी जिनपिंग एक बार फिर चीन के राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार हैं. जल्द ही उनकी ताजपोशी का एलान कर दिया जाएगा. अब जिनपिंग की ताजपोशी की खबरों को सुनने के बाद दुनिया को न्यूक्लियर वॉर (Nuclear War) का डर सताने लगा है. शी परमाणु ताकत में अमेरिका को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं. यकीन मानिए अगले 5 साल के लिए जिनपिंग का जो परमाणु एजेंडा है वो दुनिया को विनाश के नए दौर में ले जा सकता है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति के तौर पर अपनी तीसरी इनिंग में शी जिनपिंग चीन के परमाणु जखीरे को बढ़ाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब चीन परमाणु ताकत में अमेरिका को चुनौती देगा. हालांकि ये सफर सोच से ज्यादा लंबा है. अमेरिका के पास चीन की तुलना कहीं ज्यादा एटम बम हैं, लेकिन अब जिनपिंग मिशन एटम बम में पूरी ताकत से जुटने वाले हैं.
अगले पांच साल का जिनपिंग प्लान
63 पन्नों की एक रिपोर्ट में चीन की सेना का पूरा फ्यूचर ब्लूप्रिंट दर्ज है. जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को अगले 5 साल का टारगेट बता दिया है. मानव रहित ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान...चीन के वॉर एजेंडे पर काम भी शुरु हो चुका है. होड़ सुपरपावर से आगे निकलकर सुपरपावर बनने की है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि अमेरिका और चीन के बीच इस जंग में जीत किसकी होती है.
क्या है चीन की तैयारी?
टेलीग्राफ इंडिया पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, विश्लेषकों ने कहा कि शी के उल्लेख से संकेत मिलता है कि अमेरिका के साथ अपनी बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के बीच चीन अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करेगा, जो एक प्रमुख परमाणु शक्ति है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग ने कहा कि शी के बयान का मतलब है कि चीन अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए रणनीतिक परमाणु बलों के विकास को मजबूत करेगा.
सोंग ने कहा कि पीएलए को अपने परमाणु त्रय बलों को जमीन पर आधारित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम), पनडुब्बी से प्रक्षेपित मिसाइलों और हवा से प्रक्षेपित हथियारों के साथ-साथ परमाणु हमले का जवाब देने के लिए अपनी दूसरी-परमाणु हमले की क्षमता को मजबूत करना चाहिए.
अमेरिका ने दी थी चेतावनी
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका ने अतीत में चीन के परमाणु हथियारों के विस्तार की चेतावनी दी है. नवंबर में पेंटागन द्वारा जारी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि चीन के पास 2027 तक 700 और 2030 तक कम से कम 1,000 परमाणु हथियार हो सकते हैं.
बीजिंग में कार्नेगी-सिंघुआ सेंटर फॉर ग्लोबल पॉलिसी के एक वरिष्ठ साथी झाओ टोंग ने पोस्ट को बताया कि नई चर्चा चीन की परमाणु नीति में चल रही महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा करती है. झाओ ने कहा कि यह बताना बहुत कठिन था कि चीन ने अंततः कितने परमाणु हथियार बनाने की योजना बनाई है.