Fumio Kishida India Visit: जापानी PM की भारत यात्रा से बढ़ी शी जिनपिंग की चिंता, जानिए दोनों देशों को क्यों 'खतरा' मानता है चीन
India Japan News: भारत और जापान की बढ़ती दोस्ती को चीन हौव्वा मानता है.भारत यात्रा पर आए जापानी PM ने भारतीय PM मोदी के साथ कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की.
India Japan Relations Vs China: जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा की भारत यात्रा पर चीन ने नजरें जमा रखी थीं. फूमियो किशिदा (Fumio Kishida) दो दिन दिल्ली में रहे और यहीं से आज वह सरप्राइज विजिट पर यूक्रेन के लिए रवाना हो गए हैं. फूमियो की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई थी और दोनों देशों ने चीन की बढ़ती आक्रामकता से निपटने का खाका खींचा.
भारत में जापान के प्रधानमंत्री ने मुक्त और खुले इंडो पैसिफिक पहल की घोषणा की. इंडो पैसिफिक रीजन (हिंद प्रशांत क्षेत्र) में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को रोकने के लिए भारत और जापान मिलकर काम करने को राजी हुए हैं. जापानी प्रधानमंत्री किशिदा ने भारत में कहा कि वह मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक की नीति को बढ़ावा देना चाहते हैं. जापान की यह पहल चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने के लिए है, जिसका सामना भारत भी कर रहा है.
चीन से निपटने के लिए क्रूज मिसाइलों को तैनात कर रहा जापान
चीन को बैलेंस करने के लिए अब जापान उभरती अर्थव्यवस्थाओं को समुद्री सुरक्षा के लिए समर्थन, तट रक्षक गश्ती नौका, उपकरण और अन्य बुनियादी ढांचें में सहयोग करेगा. विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि जापान की मुक्त और खुले इंडो पैसिफिक की नीति, नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का एक हिस्सा है, जो दिसंबर में अपनाई गई थी. इसके तहत जापान अपनी स्ट्राइक-बैक क्षमता को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों को तैनात कर रहा है.
किशिदा की यात्रा पर चीनी मीडिया ने छापीं कई खबरें
जापान की मुक्त और खुले इंडो पैसिफिक की नीति से चीनी सरकार का माथा ठनक रहा है, वहीं चीनी मीडिया ने जापानी प्रधानमंत्री के भारत दौरे को खासा कवर किया है. शी जिनपिंग की सत्ताधारी चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के मुखपत्र समझे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने किशिदा के भारत दौरे पर कई रिपोर्ट छापीं. एक रिपोर्ट में ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि जापानी पीएम ने अपनी भारत यात्रा के दौरान चीन का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने जिन मुद्दों पर बात की, वो चीन से संबंधित हैं. जैसे कि जापानी की औद्योगिक चेन को भारत में ट्रांसफर करना और द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना.
जापान भी अमेरिका की अगुवाई वाले QUAD का हिस्सा है
चीन की चिंता बढ़ाने वाली एक बड़ी वजह है- भारत और जापान दोनों देशों का अमेरिका की अगुवाई वाले ग्रुप QUAD का हिस्सा होना. QUAD भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान इन चार देशों का समूह है, जिसे चीन अपने खिलाफ मानता है. चीन के बढ़ते सैन्य खर्च और अर्थव्यवस्था के आकार को देखते हुए QUAD मेंबर्स अपने रक्षा और आर्थिक सहयोग को गहरा करने पर जोर दे रहे हैं. ग्लोबल एक्सपर्ट्स का कहना है कि QUAD मेंबर्स को चीनी चालों से निपटने के लिए हर हाल में साथ होना होगा. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियां इसकी प्रमुख वजह बन जाती हैं, जहां चीन छोटे-छोटे देशों पर दादागिरी जमा रहा है.
चीन की आक्रामकता से परेशान देशों को अपने साथ जोड़ रहा जापान
चीन की दादागिरी से निपटने के लिए जापान भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है. खासतौर पर, वह अपने प्रोग्राम में उन देशों को भी शामिल कर रहा है जो क्षेत्र में चीन की आक्रामकता से परेशान हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन का बयान देखें तो साफ जाहिर होता है कि जापान की ओर से की जा रही कोशिशों से चीन खासा चिंतित है. वांग वेनबिन के मुताबिक, जापान की अगुवाई वाला इंडो पैसिफिक ब्लॉक वास्तव में टकराव को बढ़ावा देने वाला ब्लॉक है. और, चीन की चिंता इसलिए और बढ़ गई है क्योंकि जापान भारत-जापान साझेदारी की मजबूती को हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने का बता रहा है. बिना चीन का नाम लिए दोनों पक्ष (भारत-जापान) इस मुद्दे पर साथ काम करने के लिए सहमत हुए हैं.
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