XI Jinping Hong Kong Visit: 25वीं वर्षगांठ पर हांगकांग की यात्रा पर जाएंगे शी जिनपिंग, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए
Hong Kong On High Alert: 1 जुलाई 1997 को हांगकांग को चीन को सौंपा गया था. इस वक्त हांगकांग दो नीति के तहत चलने वाला देश है.
XI Jinping Hong Kong Visit: चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (XI Jinping) गुरुवार को हांगकांग (Hong Kong) का दौरा कर सकते हैं. दरअसल गुरुवार को हांगकांग को कम्युनिस्ट चीन (Chinese Communist Party) को सौंपे जाने की 25वीं वर्षगाठ मनाई जा रही है. इस अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है.
शी जिनपिंग के हांगकांग दौरे से पहले वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. शहर के कुछ हिस्सों को बंद कर दिया गया है और साथ ही कुछ पत्रकारों के समारोह में आने पर रोक लगा दी गई है. हालांकि अधिकारियों ने मीडिया को रोकने की वजह कोरोना महामारी और सुरक्षा कारणों को बताया है.
कोरोना के बाद पहला दौरा
बता दें कि जनवरी 2020 में कोरोना की लहर के बाद शी जिनपिंग का यह पहला देश से बाहर का दौरा होगा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने जानकारी दी कि वो हांगकांग की छठी बार बनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल होंगे.
इस यात्रा के दौरान शी जिनपिंग के साथ आने वाले सर्वोच्च पद के सरकारी अधिकारियों को अपने सामाजिक संपर्कों को सीमित करने, दैनिक पीसीआर टेस्ट करवाने का आदेश दिया गया है.
शी की यात्रा के दौरान न हो प्रदर्शन इसके लिए तैयार है पुलिस
शी जिनपिंग की हांगकांग यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का प्रदर्शन न हो इसके लिए पुलिस बल तैयार है. राष्ट्रीय सुरक्षा पुलिस ने पिछले एक सप्ताह में कम से कम नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.
हांगकांग के विपक्षी समूहों में से एक, लीग ऑफ सोशल डेमोक्रेट्स ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत के बाद 1 जुलाई को वो प्रदर्शन नहीं करेंगे. बता दें कि हांगकांग में 1 जुलाई को चीन के हाथों में देश को देने की सालगिरह पर हर साल शांतिपूर्ण रैलियां निकाली जाती है.
क्या है हांगकांग का इतिहास
हांगकांग (HongKong) इस वक्त चीन (China) के कब्जे में है. 156 साल तक अंग्रेजी हुकूमत के अधीन रहने के बाद 1 जुलाई 1997 को हांगकांग को चीन को सौंपा गया था. इस वक्त हांगकांग दो नीति के तहत चलने वाला देश है. यहां के अधिकतर फेसले यहीं की सरकार लेती है लेकिन विदेशी मामलों और रक्षा मामलों से संबंधित फैसले चीन की सरकार लेती है.